- पहला पन्ना
- राष्ट्रीय
- बापू को समझ न पाया हिटलर !

बापू ने हिटलर को लिखे पत्र में कहा, ‘अहिंसा के रास्ते में पराजय जैसी कोई भी बात नहीं होती. यह करो या मरो की स्थिति होती है जिसमें किसी को आहत नहीं किया जाता.’ ‘आप (हिटलर) यह नहीं देख पा रहे हैं कि आप जिस रास्ते को अपना रहे हैं उस पर किसी का एकाधिकार नहीं है.
Don't Miss