डॉ. अब्दुल कलाम ने शिक्षा को समर्पित रखी पूरी जिंदगी

Birth Anniversary: शिक्षा को समर्पित रही डॉ. कलाम की पूरी जिंदगी

बचपन की शिक्षा ही जीवन का आधार: कलाम का मानना था कि बच्चों को बचपन में दी गई शिक्षा ही उसके सारे जीवन का आधार बन जाती है. इसके लिए वे अपना उदाहरण देते हुए बताते थे कि वे बचपन से ही अपने गुरु अय्यर जी से अत्यधिक प्रभावित थे. कक्षा 5 में उनके गुरु अय्यर जी ने उनकी कक्षा के सभी बच्चों को कक्षा में पक्षियों के उड़ने की क्रिया समझाने केसाथ ही उन सभी को शाम को समुद्र तट पर बुलाकर पक्षियों को उड़ते हुए भी दिखाया था. इसका कलाम के जीवन में बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा और आने वाले समय में एक रॉकेट इंजीनियर, एयरोस्पेस इंजीनियर तथा प्रौद्योगिकीवेत्ता के रूप में उनका जीवन रूपांतरित हो गया.

 
 
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