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- डॉ. अब्दुल कलाम ने शिक्षा को समर्पित रखी पूरी जिंदगी

ईश्वर की प्रार्थना देती है शक्ति: भगवान में उनकी गहरी आस्था थी. वह कहते थे, कोई तो है जो ब्रह्मांड चला रहा है. इतना बड़ा ब्रह्मांड, धरती के करोड़ों जीव-जंतु क्या अपने आप ही जन्म तथा जीवन जी रहे हैं? कोई शक्ति है जिसके कारण ब्रह्मांड में सब कुछ इतना सुनियोजित है. हम उस शक्ति को कोई भी नाम दे सकते हैं. कलाम जहां एक ओर कुरान पढ़ते थे, तो वहीं दूसरी ओर गीता भी पढ़ते थे. उनका मानना था कि भगवान, यानी हमारे निर्माता ने हमारे मस्तिष्क और व्यक्तित्व में असीमित शक्तियां और क्षमताएं दी हैं और ईश्वर की प्रार्थना हमें इन शक्तियों को विकसित करने में मदद करती हैं. कलाम कहते थे कि आकाश की तरफ देखिए, हम अकेले नहीं हैं.
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