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- इंदिरा को दिखती थी प्रियंका में अपनी छवि

फोतेदार ने अपनी किताब में पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के दावे का समर्थन करते हुए लिखा कि 2004 में सोनिया गांधी ने "अंतररात्मा की आवाज" के बजाय पारिवारिक दबाव के चलते प्रधानमंत्री बनने से इनकार किया था. फोतेदार ने लिखा है कि कश्मीर का यात्रा के दौरान एक मंदिर में वह गई थीं. मंदिर में उन्हें एहसास हो गया था कि उनके जीवन का अंत निकट आ गया है. फोतेदार ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए कहा कि कार से वापसी में जब वह आ रहीं थीं कि वह दार्शनिक मुद्रा में थीं. उन्होंने विचारपूर्ण तरीके से कहा था कि प्रियंका को उत्तराधिकार से वंचित किया जा सकता है. वह काफी सफल हो सकती है और लम्बे समय तक सत्ता में रह सकती है. इस बारे में मैंने राजीव गांधी की हत्या के बाद सोनिया गांधी को भी बताया था कि कश्मीर यात्रा के बाद इंदिरा ने क्या कहा था, तो वह नाराज हो गई थी. कांग्रेसी नेता ने लिखा है कि वी पी सिंह की सरकार के गिर जाने के बाद पूर्व राष्ट्रपति आर. वेंकटरमन ने राजीव गांधी को प्रधानमंत्री बनाने का विरोध किया था और वह प्रणब मुखर्जी को लाए जाने के पक्षधर थे. माधवराव सिंधिया 1999 में मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाने की सोनिया की योजना से अपसेट हो गए थे. उन्होंने इसे रोकने के लिए समाजवादी पार्टी के अमर सिंह के साथ लॉबिंग की थी. उन्होंने यह भी दावा किया है कि अरुण नेहरू को राजीव गांधी की "गुड बुक्स" से बाहर करने में सोनिया और सतीश शर्मा की भूमिका थी.