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- सिंधुरक्षक से मिले पांच शव

विज्ञप्ति में कहा गया है कि जाम हो चुके दरवाजों, टूटी सीढ़ियों और तेल एवं कीचड़ भरे पानी की वजह से इस डूबी हुई पनडुब्बी के भीतर इतना अंधेरा था कि यहां उच्च क्षमता वाले लैंप भी नाकाम साबित हो रहे थे और इन वजहों से पनडुब्बी के अंदरूनी कक्षों में घुसना लगभग नामुमकिन हो गया था.रक्षा विभाग की इस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘विस्फोट के कारण पनडुब्बी के भीतर हुए भारी नुकसान की वजह से इसके अंदर के धातु तुड़ मुड़ गए थे. इसने गोताखारों के लिए हालात को और कठिन बना दिया, जिससे यह बेहद धीमा और परिश्रम वाला काम बन गया.’प्रवक्ता ने कहा कि पीड़ितों के परिवार को हर संभव सहायता मुहैया कराने के काम में अधिकारियों को लगा दिया गया है. नौसेना ने रूस में निर्मित,16 वर्ष पुरानी इस पनडुब्बी के भीतर मौजूद तीन अधिकारियों और 15 नाविकों के नाम जारी किए थे.
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