लीजिए ‘आप’ भी हो गए वीआईपी!

 कामयाबी ऐसी चीज कि आम आदमी न चाहते हुए भी हो जाता है वीआईपी

इसी तरह सुरक्षा का भी मामला है. केजरीवाल सीधे तौर पर सुरक्षा लेने को तैयार नहीं हैं, जबकि उनकी सुरक्षा पर पुलिस को चार गुना ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री का ऐसा आवास तो होना ही चाहिए, जहां वह लोगों से आराम से मिल सकें और कामकाज का निर्वहन गरिमामय ढंग से कर सकें. ऐसे उपयुक्त मुख्यमंत्री आवास को लेकर किसी को क्या आपत्ति हो सकती है?

 
 
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