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- PICS: बर्फबारी ने फिर से लौटा दी 'जमीन की जन्नत' की रौनक

उत्तरी कश्मीर के रहने वाले हाजी सिदिक (78) कहते हैं, "बिना बर्फ के कैसा कश्मीर? यह तो वैसे ही हुआ कि बागीचे में बिना फूल के रहो. मुझे आज भी अपने बचपन का जाड़ा याद है. चिल्लई कलां (21 दिसम्बर से शुरू होने वाली बेहद ठंडी 40 दिन की अवधि) में हमारा गांव सभी कुछ से कट जाता था."
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