'ये मेरे वतन के लोगों'

PICS : देश भक्ति की भावना से ओतप्रोत गीत लिखने में माहिर थे कवि प्रदीप

1940 मे ज्ञान मुखर्जी के निर्देशन मे उन्होंने फिल्म बंधन के लिये भी गीत लिखा. यूं तो फिल्म बंधन में उनके रचित सभी गीत लोकप्रिय हुये लेकिन 'चल चल रे नौजवान' गीत ने आजादी के दीवानों में एक नया जोश भरने का काम किया. अपने गीतों को प्रदीप ने गुलामी के खिलाफ आवाज बुलंद करने के हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और उनके गीतो ने अंग्रेजों के विरूद्ध भारतीयों के संघर्ष को एक नयी दिशा दी. इसके बाद प्रदीप ने बाम्बे टॉकीज की ही फिल्म नया संसार, अंजान, पुनर्मिलन, झूला और किस्मत के लिये भी गीत लिखे. चालीस के दशक में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अंग्रेजी सरकार के विरूद्ध भारत छोड़ो आंदोलन अपने चरम पर था. 1943 में प्रदर्शित फिल्म किस्मत में प्रदीप के लिखे गीत 'आज हिमालय की चोटी से फिर हमने ललकारा है दूर हटो ए दुनियां वालो हिंदुस्तान हमारा है' जैसे गीतों ने जहां एक ओर स्वतंत्रता सेनानियों को झकझोरा वहीं अंग्रेजों की तिरछी नजर के भी शिकार हुये.

 
 
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