Movie review: ‘मिर्ज्या' एक प्यारी-सी कविता

Movie review: प्यार में ऊंच-नीच की बेड़ियों को तोड़ पाएगी ‘मिर्ज्या

फिल्म की कहानी मिर्जा (हर्षवर्धन कपूर) और साहिबान (सैयमी खेर) के प्यार और प्यार में आने वाली कठिनाइयों की तरफ ध्यान आकर्षित करती है. इसी के साथ एक और कहानी चल रही है मुनीष (हर्षवर्धन कपूर) और सुचित्रा (सैयमी खेर) की. दोनों कहानियों में समानता तो है लेकिन दोनों का अंजाम अलग-अलग होता है. जहां पुरानी कहानी में साहिबान खुद मिर्जा के तीर तोड़ देती है वहीं, आज की कहानी में कुछ अलग होता है. और तीर तोड़ने के पीछे का कारण भी सामने आता है, जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. ऊँचे खानदान की सुचित्रा और गरीब परिवार का मोनीष बचपन के दोस्त हैं, जो किसी वजह से एक दूसरे से अलग हो जाते हैं. कुछ सालों बाद किस्मत उन्हें फिर एक दूसरे के सामने ला खड़ा कर देती है. क्या समाज की ऊंच-नीच की बेड़ियों को तोड़ कर दोनों एक हो पाएंगे? जानने के लिए देखें ‘मिर्ज्या'.

 
 
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