शोहरत भी अकेलापन साथ लाती है - आशा पारेख

 शोहरत भी कभी-कभी अकेलापन साथ लाती है - आशा पारेख

अपनी बेहतरीन अदाकारी के दम पर विभिन्न किरदारों को बड़े पर्दे पर जीने वाली 1960 के दशक की प्रतिष्ठित अदाकारा आशा पारेख का कहना है कि शोहरत की गलियों में भी इंसान कई बार अकेला पड़ जाता है. अपने जमाने की सर्वश्रेष्ठ अदाकारा का कहना है एक दौर ऐसा भी था जब उन्हें अवसाद का सामना करना पड़ा. वर्ष 1959 से 1973 तक बॉलीवुड पर राज करने वाली अदाकारा ने शम्मी कपूर, देव आनंद, राजेन्द्र कुमार, राजेश खन्ना जैसे कई बड़े कलाकारों के साथ काम किया है.

 
 
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