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- महफिलों से मिली शोहरत ने बनाया अजीम शायर
भारत विभाजन के बाद गुलजार का परिवार अमृतसर में बस गया लेकिन गुलजार ने अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई का रुख किया और वर्ली में एक गैराज में कार मेकैनिक का काम करने लगे. फुर्सत के वक्त में वह कविताएं लिखा करते थे. इसी दौरान वह फिल्म से जुड़े लोगों के संपर्क में आए और निर्देशक बिमल राय के सहायक बन गए. बाद में उन्होंने निर्देशक रिषिकेश मुखर्जी और हेमन्त कुमार के सहायक रूप में भी काम किया.
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