महफिलों से मिली शोहरत ने बनाया अजीम शायर

PICS: गुलजार को मुशायरों और महफिलों से मिली शोहरत ने बनाया अजीम शायर

इसके बाद कवि के रूप मे गुलजार प्रोग्रेसिव रायर्टस एसोसिऐशन पी.डब्लू.ए से जुड़ गये. उन्होंने अपने सिने कैरियर की शुरुआत वर्ष 1961 मे विमल राय के सहायक के रूप में की. गुलजार ने रिषिकेश मुखर्जी और हेमन्त कुमार के सहायक के तौर पर भी काम किया. गीतकार के रूप मे गुलजार ने पहला गाना, मेरा गोरा अंग लई ले... वर्ष 1963 मे प्रदर्शित विमल राय की फिल्म बंदिनी के लिये लिखा.

 
 
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