वेटर वाले दिन दुख भरे थे

Pics: अक्षय ने कहा, वेटर वाले दिन दुख भरे थे

सबसे ज्यादा खुश मेरे मम्मी-डैडी थे. यहां आकर मैंने मार्शल आर्ट टीचर की नौकरी कर ली. तब मैं 4,000 रुपये महीने कमा लेता था. एक दिन जब मुझे फर्नीचर के एक शो रूम की मॉडलिंग का मौका मिला और मात्र 2-3 घंटे के साढ़े पांच हजार रुपये मिले तो मैं बहुत कुछ सोचने पर मजबूर हुआ कि यह क्षेत्र तो कमाल का है.

 
 
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