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- वेटर वाले दिन दुख भरे थे

बस उसके बाद से स्टूडियो-दर- स्टूडियो मैं जूते घिसने लगा. काफी संघर्ष के बाद मेकअपमैन नरिंदर के जरिए मुझे अपनी पहली फिल्म दीदार मिली. हालांकि मैंने शूटिंग की सौगंध पहले की. एक दिलचस्प बात बताऊं, एक्टर बनने की बात मैंने डैडी को लिख कर बतायी थी.
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