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- आपदा के बाद आंसुओं का सैलाब

किंगसोली गांव के सुरेन्द्र सिंह राणा ने बताते हैं-घटना वाले दिन वह केदारनाथ में ही थे. उन्होंने बताया कि मंदिर के पास ही दाएं और बाएं बनीं चाय की दुकानें पहले वहीं इनके मलबे से वहां झील बन गई और इससे पानी का स्तर बढ़कर मंदिर परिसर तक आ गया.
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