संदल उतारा, खुला जन्नती दरवाजा

Photos: मजार शरीफ से संदल उतारा और खुला जन्नती दरवाजा

अजमेर में प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 801वें उर्स की रस्मों का सिलसिला शुक्रवार रात से शुरू हो गया. पवित्र मजार शरीफ पर साल भर पेश किए जाने वाले संदल उतारने की रस्म अदा की गई. उसके बाद अजमेर शरीफ का जन्नती दरवाजा शनिवार तड़के जियारत के लिए खोल दिया गया. गरीब नवाज के दर पर सालाना उर्स की अनौपचारिक शुरुआत तीन दिन पहले झंडे की रस्म से ही हो गई थी. इस मौके पर मजार पर साल भर चढ़ाए जाने वाले संदल को उतारने की रस्म शुरू हो गई. खादिमों द्वारा अदा की जाने वाली ये रस्म लगातार चार दिन चलती है. ये संदल पूरे साल में एक ही बार उतारा जाता है. ये रस्म दिल्ली के सुल्तान अल्तमश के समय से चली आ रही है. पूरे साल मजार पर चंदन, केवड़े, गुलाब और इत्र का लेप लगाया जाता है. संदल उतारने की रस्म जब होती है तो इस संदल को कोई चांदी के कटोरे या प्लेट में रखता है तो कोई मिट्टी के कटोरे में. एक साल में करोड़ों रुपए के चंदन, केवड़े और गुलाब का लेप लगाया जाता है. इसे उतार कर जायरीन में बांटा जाता है. संदल लेने के लिए अकीदतमंदों में होड़ लगी रहती है.

 
 
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