अनूठी कठपुतलियों की अनोखी कहानी

 कबाड़ से भी बनती है मनोरंजन करने वाली कठपुतलियां

अनुरूपा कहती हैं, ‘‘इसके पीछे एक सरल सा विचार था कि किस तरह मृत सामग्री में जीवन लाया जाए. हम सिर्फ कठपुतली की आकृति के साथ ही काम नहीं करना चाहते थे बल्कि इस सिद्धांत के साथ भी काम करना चाहते थे. ऐसा पहली बार था कि हमारे पर असली कठपुतलियां नहीं थीं. ये सिर्फ कठपुतलियों के प्रतीक ही थे और इनके साथ हम काम कर रहे थे’’

 
 
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