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- सखियों का अनूठा मेला

इतिहासविद् श्रीकृष्ण जुगनू के अनुसार, मेवाड़ के तत्कालीन महाराणा फतह सिंह सन 1898 में अपनी महारानी चावड़ी रानी के साथ हरियाली अमावस्या का मेला देखने पहुंचे और मेले में महिलाओं की भागीदारी को कम देखते हुए चावड़ी रानी की सलाह पर इसमें एक दिन महिलाओं के लिए रखने का आदेश दिया.
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