जहां नमक में दफन होते हैं लोग

नमक से शुरु होती है जिंदगी नमक में ही होती है दफन

पठान ने बताया, अगड़िया मजदूर हर 15वें दिन इन खेतों से 10 से 15 टन नमक बनाते हैं. इसके बाद इस नमक को ट्रकों और ट्रेनों में भर कर देश भर की नमक कंपनियों और रसायन फैक्ट्रियों को भेजा जाता है. प्रत्येक परिवार ऐसे 30 से 60 खेतों की देखभाल करता है.

 
 
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