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- तस्वीरों में कैद है जागृति की बर्बरता
इसके मद्देनजर पुन: पुलिस हिरासत की मांग की जा सकती है. अदालत ने अर्जी मंजूर कर दोनों आरोपियों को 15 नवम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. आरोपी सांसद की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट हरिहरन ने दावा किया कि पांच दिन की हिरासत के दौरान उनके मुवक्किल के खिलाफ पुलिस को कुछ नहीं मिला है और अब पुलिस इस उम्मीद से चार दिन की न्यायिक हिरासत की मांग कर रही है कि शायद इस दौरान आरोपी के खिलाफ कुछ सबूत मिल जाए.
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