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- लो भई, झंडा भी हुआ महंगा
वहीं थोक में बढ़ी कीमतों का असर फुटकर दुकानों पर खूब देखने को मिल रहा है. कागज के छोटे झंडे जो ज्यादातर बच्चों के लिए हैं, उनकी कीमत एक रुपया से बढ़कर तीन से चार रुपये हो गयी है.
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वहीं थोक में बढ़ी कीमतों का असर फुटकर दुकानों पर खूब देखने को मिल रहा है. कागज के छोटे झंडे जो ज्यादातर बच्चों के लिए हैं, उनकी कीमत एक रुपया से बढ़कर तीन से चार रुपये हो गयी है.