अंधेरे में रोशनी खो रहे हैं दीये

 हाईटेक हुई दीपावली, अंधेरे में गुम हो रहे हैं मिट्टी के दीये

भूमंडलीकरण के दौर के हाईटेक के चलते में अब प्रकाश का पर्व दीपावली के अवसर पर परंपरागत मिट्टी के दीयों की प्रासंगिकता धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है. क्योंकि इनका स्थान अब लड़ियां, और बिजली के बने इलेक्ट्रॉनिक दीयों ने ले लिया है. लोग मिट्टी के दीयों की बजाए अब बिजली से चलने वाले दीये लेना अधिक पसंद कर रहे हैं. जालंधर में मिट्टी के दीये बनाने वाले ओर बेचने वालों की मानें तो अब गांव से लेकर शहर तक इन दीयों की मांग में पिछले कुछ सालों में जबरदस्त गिरावट आयी है. मिट्टी के दीयों के निर्माता इसका कारण बिजली से जलने वाले दीयों और लड़ियों को मानते हैं. ये लोग अब परंपरागत व्यवसाय को छोड़ कर दूसरे कार्यों में हाथ आजमा रहे हैं और अपने बच्चों को भी इससे दूर ही रहने की सलाह देते हैं.

 
 
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