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- बोरे लपेटकर गुजार रहे सर्द रातें

रात 10.50 बजे, स्थान राजवंशी नगर रैन बसेरा: यहां 20-25 किलो लकड़ी तो मिली, लेकिन रैन बसेरे में गेट नहीं है. इनका कहना है कि दो घंटे में आग बुझ जाएगी. फिर रैन बसेरे में जाएंगे. गेट नहीं होने से अंदर भी सर्द हवा की मार पड़ती है. रोज की यही नियति है.
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