आसाराम की सहयोगी शिल्पी के राज!

आसाराम बापू की सहयोगी शिल्पी खोलेगी राज!

गौरतलब है कि शिल्पी ने बुधवार को जोधपुर की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. मध्य प्रदेश में आसाराम के छिंदवाड़ा आश्रम की वॉर्डन शिल्पी ने कथित तौर पर लड़की को जोधपुर में आसाराम के पास भेजने के लिए साजिश रची थी. लड़की छिंदवाड़ा आश्रम की छात्रा थी. राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा बुधवार को अग्रिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद शिल्पी ने एक स्थानीय अदालत में आत्मसमर्पण किया. जिला एवं सत्र अदालत ने उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. निचली अदालत में अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद शिल्पी ने उच्च न्यायालय का रूख किया था. शिल्पी ने 16 साल की लड़की के माता-पिता से कहा था कि वह बुरी आत्माओं के वश में है. उसने लड़की को मनई ‘आश्रम’ में भेजे जाने की व्यवस्था की जहां आसाराम ने अगस्त में कथित तौर पर लड़की का यौन उत्पीड़न किया. इस मामले में आसाराम को 1 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. इसके कुछ दिनों बाद उनके सहयोगी शिवा को गिरफ्त में लिया गया. दो अन्य आरोपी - छिंदवाड़ा गुरूकुल के छात्रावास के प्रभारी शरद चंद्र और रसोइया प्रकाश - ने 20 सितंबर को अदालत में आत्मसमर्पण किया था.

 
 
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