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- केदारनाथ यात्रा:2-3 साल बाद

घौडियाल ने कहा, ‘‘मंदिर के भीतर शरण लेने वाले करीब 250-300 लोगों को भी कोई नुकसान नहीं हुआ है.लेकिन मंदिर के आसपास कुछ नहीं बचा.मंदिर समिति का कार्यालय, धर्मशालायें और भंडार गृह सब नष्ट हो गया है.मंदिर परिसर में करीब 12 से 14 हजार यात्रियों के रूकने का इंतजाम था लेकिन अब कुछ नहीं बचा.’’
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