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- क्यों फेंका कूड़ेदान में नवजात का शव, जवाब दो?

इस नन्हीं बच्ची के पिता राजेश कुमार वर्मा को जब एक कर्मचारी ने कहा कि साहब! मोरचरी का जो भी कचरा सुबह फेंकने के लिए एकत्रित किया गया था उसे हमने तो इसी ट्रक में डाल दिया है. उसकी जुबां से ये शब्द निकलते ही श्री वर्मा उसमें जा कूदे. एक-एक कर सभी काली पोलीबैग में बंधे खून से लथपथ कचरे में अपनी मृत बच्ची के शव को ढूढने लगे. उन्हें सफलता भी मिली. तब जाकर बेरहम अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों की नींद खुली. श्री वर्मा ने कहा कि यह अस्पताल नहीं है यह मुर्दा घर है. यहां के डॉक्टरों को सिर्फ इलाज के नाम पर मोटा शुल्क चाहिए. रोगी मरे या जिए. इससे उन्हें कोई सरोकार नहीं है. नन्हीं बच्ची का शव क्षत विक्षत हो गया था. दरअसल, जब उसे कचरे में फेंका गया तो वहां पर पहले से ही संक्रमित कचरों का ढेर था. जिससे इस नन्हीं जान की पहचान बड़ी मुश्किल से की गई. इलाज में लापरवाही के लिए चर्चित है.