पेट की दरारें भर पाएंगी ये जूठी रोटियां?

Pics:सूखे की दरारें तो नहीं शायद पेट की दरारे भर पाएं जूठी रोटियां

महाराष्ट्र में पड़ रहे सूखे में लोगों की हालत इस कदर बदहाल है कि वे दूसरों की जूठी रोटियां खा कर पेट भरने पर मजबूर हैं. महाराष्ट्र में पड़े अकाल से सरकारी दावों की पोल खुल गई है साथ ही साथ सभी राजनीतिक दलों की भी पोल खुल गई है जो गरीबों के उत्थान के लिए बड़े बड़े दावे करते नजर आते हैं. महाराष्ट्र के नासिक और औरंगावाद जिले के कई गावों में लोग जूठी रोटियां खा कर अपना जीवन जी रहे हैं. पेट की आग बुझाने के लिए ये लोग फेंकी गई रोटियों को सुखा कर रख रहे हैं और धीरे धीरे इसे खाने में लगे हैं. एक तरफ राजनेता पांच सितार होटल में खाते हैं तो दूसरी तरफ गरीबों को सूखी और जूठी रोटियां खाने को मिल रही है. ऐसी हालात देख कर मानवता भी रो उठेगी. आदमी का स्वाभीमान तार तार हो रहा है. नेता मौज उड़ा रहे हैं. एक तरफ सूखा तो दूसरी तरफ भूखमरी महाराष्ट्र के लोगों पर कहर ढ़ा रही है. ऐसे में एक प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठन ने इन इलाकों से कथित रूप से अवैध देह व्यापार के लिए लड़कियां की तस्करी करके उन्हें गोवा ले जाने की आशंका पर चिंता जताई है. एनजीओ अर्ज (अन्याय रहित जिंदगी) के निदेशक अरुण पांडे ने कहा कि पिछले अनुभवों से पता चलता है कि प्राकृतिक आपदा या संघर्ष जैसी परेशानियां जब लोगों को असहाय बना देती हैं, तो किस तरह लड़कियों और महिलाओं की तस्करी की जाती है और उन्हें देह व्यापार में धकेला जाता है. पांडे ने कहा कि पिछले अनुभव के मद्देनजर हम चिंतित हैं.गोवा से बचाई गई आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु की लड़कियों ने बताया है कि प्राकृतिक आपदाओं का शिकार होने के बाद किस तरह उन्हें देह व्यापार में धकेला गया.हालांकि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में ऐसा कोई विशेष प्रचलन नहीं देखा है.

 
 
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