जुनून को मिला मुकाम

 गोरखपुर में दुर्लभ करेंसी और टिकटों का खजाना

यहीं नहीं वर्मा में सिर्फ सैनिकों के बीच जो करेंसी चलती थी, यह भी उनके खजाने में है. आजादी के पहले और बाद में रुपया का क्या स्वरुप था,यह भी उनके संग्रह से जान सकते हैं.

 
 
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