जुनून को मिला मुकाम

 गोरखपुर में दुर्लभ करेंसी और टिकटों का खजाना

खाली समय मिलते ही वे गीता प्रेस गोरखपुर, रेलवे पुस्तकालय, विश्वविद्यालय के पुस्तकालय जाया करते थे. वहां रद्दी कागजों से डाक टिकट निकालते और घर लाकर उसे साफ-सुथरा कर अपने संग्रहालय की शोभा बढ़ाते थे.

 
 
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