- पहला पन्ना
- क्षेत्रीय
- कच्छ के गोलाघर देखना चाहते हैं सभी
धोरदो गांव के सरपंच मियां हुसैन ने यहां प्रेस ट्रस्ट को बताया ‘‘वर्ष 2001 में भूकंप के दौरान कच्छ के गांवों में इन भुनगा की वजह से कई लोगों की जान बची थी. अब भारत और विदेशों के पर्यटक तथा शोधार्थी इन्हें इनके अनूठे डिजाइन की वजह से बेहद पसंद कर रहे हैं.’’
Don't Miss