बंधक बनाकर किया बच्ची का रेप, हालत नाजुक

बंधक बनाकर किया बच्ची का रेप, हालत नाजुक

बलात्कार की शिकार मासूम बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच सिसक रही हैं और पूछ रही है कि आखिर उसका कसूर क्या था क्यों हुआ उसका रेप.... पीड़ित बच्ची को अब दूसरे अस्पताल शिफ्ट किया जा रहा है जो कि कई सवालों को जन्म दे रहा है. सवाल यह भी है कि पीड़िता की हालत कैसी है क्या इस अस्पताल में उसका इलाज ठीक से नहीं हो पाएगा. सवाल यह भी की राजधानी में इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद आला अधिकारी सो क्यों रहे हैं क्या उन्हें किसी और अनहोनी होने का इंतजार है. क्या यही प्रशासन की जवाबदेही है समाज के प्रति? एक तरफ पुलिस वाले पीड़ित परिवार वालों को चुप रहने की सलाह देते हैं और मीडिया के सामने मुंह न खोलने की धमकी भी देते हैं. इतना ही नहीं इसके लिए पुलिस वाले 2 हजार देने का भी प्रलोभन देते हैं. भड़के लोगों का गुस्सा देखने के बाद संदीप दीक्षित के साथ हेल्थ मिनिस्टर किरण वालिया पीड़ित परिवार से मिलने अस्पताल पहुंचे जहां लोगों ने उनके साथ धक्का मुक्की की और अपनी नाराज़गी जाहिर की. वहीं आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी अस्पताल में जमकर हंगामा किया. हंगामे के दौरान रेप का विरोध कर रही आम आदमी की कार्यकर्ता (लड़की) को एसीपी ने थप्पड़ मारा. थप्पड़ लगने के बाद लड़की के कान से खून निकलने लगा. जिससे साफ तौर पर यह जाहिर होता है कि दिल्ली पुलिस लोगों के प्रति कितनी असंवेदनशील है. आपको बता दें दो दिन से लापता बच्ची पड़ोसी के घर से लहुलुहान हालत में मिली. बच्ची की हालत बेहद गंभीर बनी है. डॉक्टरों ने बच्ची के पेट से एक मोमबत्ती और एक शीशी भी निकाली है. आरोपी पड़ोसी फिलहाल फरार है. हुआ यूं कि बच्ची के अपहरण के दो दिन बाद परिजनों ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी और पुलिस को सूचना दी. तब पुलिस ने बच्ची को कमरे से मुक्त कराया. आरोपी पहले ही फरार हो चुका था. मेडिकल जांच में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई है. इस बाबत अपहरण और दुष्कर्म की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. जानकारी के अनुसार पांच वर्षीय बच्ची अपने परिजनों के साथ गांधी नगर इलाके में रहती है. बच्ची का परिवार की पहली मंजिल पर रहता है. गत 15 अप्रैल को बच्ची अचानक खेलते-खेलते गायब हो गई थी. परिजनों ने बच्ची को सभी जगह तलाशा लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला. परेशान होकर परिजनों ने गांधी नगर थाने में सूचना दी. दो दिन बाद 17 अप्रैल की शाम को परिजनों ने अपनी ही बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर के कमरे में बच्ची के रोने की आवाज सुनी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्ची को बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर बने एक कमरे से मुक्त कराया. बच्ची की हालत नाजुक थी. पुलिस ने बच्ची को एसडीएन अस्पताल पहुंचाया. उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हो गई.

 
 
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