International Labour Day 2024: जानें क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस, भारत में कब हुई इसकी शुरुआत

Last Updated 30 Apr 2024 12:09:35 PM IST

International Labour Day 2024 : हर साल 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 1886 में की गयी थी।


 ये दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है। दुनिया के 80 से अधिक देशों में इस दिन की छुट्टी होती है। इस मौके पर मजदूर संगठनों से जुड़े लोग रैली व सभाओं का आयोजन भी करते हैं। जानें क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस और कब हुई इसकी शुरुआत। 

क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस? International Labour Day 2024

इस दिन सभी उद्योगों में मजदूरों, कामगारों की मेहनत को सराहा जाता है। मजदूर दिवस मनाने का मुख्य उदेश्य यह है कि मजदूर मात्र 8 घंटे ही काम करें। मजदूर दिवस मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है। भारत समेत कई देशों में मजदूरों की उपलब्धियों को और देश के विकास में उनके योगदान को सलाम किया जाता है। इस दिन देश की लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी रहती है। सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है।

भारत में कब हुई इस दिन की शुरुआत?

भारत अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत चेन्नई से हुई। सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को लेबर डे मनाया गया। उस समय इसे मद्रास दिवस के रूप में मनाया जाता था। इसकी शुरूआत भारती मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने की थी। इस दिन को लेकर हाईकोर्ट ने एक संकल्प पास किया था जिसके अनुसार यह सहमति बनाई गई कि इस दिवस को भारत में भी कामगार दिवस के तौर पर मनाया जाए और इस दिन छुट्टी का ऐलान किया जाए।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का इतिहास

इस दिन की शुरुआत साल 1886 में शिकागो में हुई थी। जब अमेरिका के मजदूरों यूनियनों नें काम का समय 8 घंटे से ज़्यादा न हो इसलिए हड़ताल की थी। हड़ताल के दौरान हेमार्केट में बम धमाका किया गया मगर कोई नहीं जानता यह किसने और क्यों किया था। इस घटना के परिणामस्वरूप पुलिस ने मजदूरों पर गोली चला दी और सात मजदूर मारे गए। घटना के बाद प्राथमिक अखबारी रिपोर्ट में गोली की कोई खबर नहीं छपी, हालांकि इस घटना से अमेरिका पर कोई असर देखने को नहीं मिला। मगर कुछ समय के बाद अमेरिका में 8 घंटे काम करने का समय निश्चित कर दिया गया था। उसके बाद ही भारत और अन्य मुल्कों में मजदूरों के 8 घंटे काम करने का कानून बनाया गया।

प्रेरणा शुक्ला
नई दिल्ली


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