चार खिलाड़यिों में सिमटी ‘मैन आफ द टूर्नामेंट’ की होड़
विश्व कप के मैन आफ द टूर्नामेंट ’’की होड़ फाइनल में पहुंचे सह मेजबानों आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के चार खिलाड़ियों के बीच सिमट गई है.
चार खिलाड़यिों में सिमटी ‘मैन आफ द टूर्नामेंट’ की होड़ (फाइल फोटो) |
फाइनल 29 मार्च को मेलबोर्न में खेला जाएगा. न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्तिल (532रन) और आस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ (346) तथा न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट (21 विकेट) और आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क (20 विकेट) इस होड में शामिल हैं. फाइनल में इन चारों खिलाड़यिों में से किसी का भी मैच विजयी प्रदर्शन उसे ‘टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाडी ’का पुरस्कार दिला सकता है.
विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में वेस्ट इंडीज के खिलाफ दोहरा शतक ठोक चुके गुप्तिल (नाबाद 237) टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़यिों की सूची में श्रीलंका के कुमार संगकारा (541) के बाद दूसरे स्थान पर हैं और वह फाइनल में संगकारा से आगे निकल सकते हैं.
भारत के खिलाफ सेमीफाइनल में 105 रन बनाकर ‘मैन ऑफ द मैच’रहे आस्ट्रेलिया के स्टीवन स्मिथ 346 रन के साथञ इस पुरस्कार के दावेदार हैं. फाइनल में एक और बड़ी पारी उन्हें यह अवार्ड दिला सकती है.
विश्व कप में बोल्ट और स्टार्क सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में पहले और दूसरे स्थान पर हैं. बोल्ट के हिस्से में 21 विकेट और स्टार्क के हिस्से में 20 विकेट हैं. इन गेंदबाजों के लिए अपनी टीम को खिताब दिलाने वाला प्रदर्शन इन्हें ‘मैन ऑफ द मैच’ बना सकता है.
विश्व कप की शुरूआत हालांकि 1975 से शुरू हुई थी. लेकिन मैन ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार 1992 में आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सह मेजबानी में हुए वि कप से दिया जाना शुरू हुआ था. न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान मार्टिन क्रो अपने 456 रन की बदौलत पहले‘मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने थे.
1996 में श्रीलंका के सनत जयसूर्या (221 रन और सात विकेट) ,वर्ष 1999 में दक्षिण अफ्रीका के लांस क्लूजनर (281 रन और 17 विकेट),वष् 2003 में भारत के सचिन तेदुंलकर (673 रन और दो विकेट),वर्ष 2007 में आस्ट्रेलिया के ग्लेन मैकग्रा(26 विकेट) और 2011 में भारत के युवराज सिंह (362 रन और 15 विकेट) मैन ऑफ द टूर्नामेंट बने थे.
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