world cup 2015 : जीत की लहर बरकरार रखना चाहेगी आस्ट्रेलिया

Last Updated 03 Mar 2015 11:22:42 AM IST

सबसे सफल टीम और चार बार टूर्नामेंट विजेता आस्ट्रेलिया का अगला मुकाबला पर्थ के मैदान पर बुधवार को अफगानिस्तान से होना है.


आस्ट्रेलिया का मुकाबला अफगानिस्तान से (फाइल फोटो)

विश्वकप की सह मेजबान आस्ट्रेलियाई टीम के पास अफगानिस्तान को हराकर क्वार्टरफाइनल के लिये क्वालिफाई करने का यह सुनहरा मौका होगा. हालांकि 28 फरवरी को न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए पिछले मुकाबले में उसे हार का सामना करना पड़ा था और उससे पहले बंगलादेश के साथ हुआ मैच बारिश के कारण धुल गया था जिससे टीम अंकतालिका में पीछे हो गयी है लेकिन वह अफगानिस्तान के खिलाफ मैच जीतने की पूरी कोशिश करेगी ताकि क्वार्टरफाइनल में पहुंचने का उसका रास्ता साफ हो सके.

आस्ट्रेलिया के एकदिवसीय कप्तान माइकल क्लार्क भी चोट के बाद टीम में वापसी कर चुके हैं जिसके बाद टीम में आत्मविश्वास बढ़ा है. हालांकि पिछले मुकाबले में वह सफल साबित नहीं हुए थे लेकिन न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम को भी उनके खिलाफ जीत दर्ज करने के लिये कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी.
 
आस्ट्रेलियाई टीम में फिलहाल ओपनर आरोन फिंच, पूर्व कप्तान जार्ज बैली, माइकल क्लार्क, ब्रैड हैडिन, ग्लेन मैक्सवेल, स्टीवन स्मिथ, मिशेल स्टार्क और डेविड वार्नर जैसे सधे हुये खिलाड़ी मौजूद हैं जो टीम को किसी भी संकट से  निकालने की क्षमता रखते हैं.

दूसरी ओर अफगानिस्तान की टीम पहली बार विश्वकप में खेलने उतरी है और मोहम्मद नबी के नेतृत्व में टीम ने स्काटलैंड जैसी मजबूत टीम को हराया है.

अफगानिस्तान ने अब तक विश्वकप में तीन मैच खेले हैं जिसमें उसे मात्र एक जीत ही हासिल हुई है लेकिन इसके बावजूद उसके हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं.

नवरोज मंगल, असगर स्टेनिकजई, नजीबुल्लाह जदरान, शपूर जदरान और उस्मान गनी जैसे अनुभवी खिलाडियों से लैस अफगानिस्तान की टीम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में खेलने के लिये आत्मविास से भरी है और सकारात्मक होकर खेल रही है. हालांकि आस्ट्रेलिया जैसी विश्वविजेता टीम से भिड़ने से पहले टीम ने कड़ी मेहनत की है. इसके बावजूद मैदान पर टीम के सभी खिलाडियों को अपना शत प्रतिशत देना होगा.
 
अफगानिस्तान के कोच एंडी मोल्स का मानना है कि उनकी टीम पहली बार विश्वकप के अपने अभियान में उतरी है और आस्ट्रेलिया के खिलाफ वह अब तक की सबसे कड़ी विपक्षी टीम से भिड़ेगी. उनका कहना है कि आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत और विश्वकप की दावेदार टीम से पहली बार भिड़ना अफगानिस्तान के सभी खिलाडियों का सबसे शानदार अनुभव होगा.

टीम ने स्काटलैंड के खिलाफ लाजवाब प्रदर्शन किया था और विश्वकप में एक अदद जीत हासिल की थी लेकिन बंगलादेश के खिलाफ हुए उनके पहले मुकाबले में वह हार गये थे.

मोल्स पिछले सात महीने से टीम के कोच हैं और उन्होंने अफगानिस्तानी खिलाडियों में आत्मविश्वास बनाने का काम बखूबी किया है. मैच से पहले उन्होंने कहा कि यह मात्र शुरूआत है और उनकी टीम बंगलादेश, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ खेलेगी, इससे सभी खिलाडियों को अनुभव मिलेगा जिसे वह आगे इस्तेमाल करेगी. हालांकि दोनों टीमें इससे पहले एक बार भी आमने सामने नहीं भिड़ी है और विश्वकप में पहली बार आस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के खिलाड़ी आमने सामने होंगे.

पर्थ के वाका मैदान पर गेंदबाजों को खासा फायदा हो सकता है और इसके लिये मिशेल स्टार्क और मिशेल जानसन जैसे तेज गेंदबाज इसका भरपूर लाभ उठाने की कोशिश करेंगे. पर्थ के मैदान पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच हुए पिछले मुकाबले में भारत ने शानदार गेंदबाजी करते हुए विपक्षी टीम को 102 रनों पर सस्ते में निबटा दिया था.

अफगानिस्तान ने डूनेडिन के मैदान पर श्रीलंका के खिलाफ खेले अपने मुकाबले में विपक्षी टीम के 51 रन पर चार विकेट चटका दिये थे. हालांकि महेला जयवर्धने के शतकीय पारी ने मैच अपनी टीम की झोली में डाला लेकिन आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अफगानिस्तान के गेंदबाजी आक्रमण से बचना होगा. तेज गेंदबाज हामिद हसन और दायें हाथ के स्पिनर शपूर जदरान इस मैदान पर अपनी धारदार गेंदबाजी से आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशान करने का भरपूर प्रयास करेंगे.
     
अफगानिस्तान के बल्लेबाज भी आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं. हालांकि उनकी तुलना आस्ट्रेलिया के अनुभवी खिलाड़ियों से नहीं की जा सकती लेकिन समीउल्लाह शेनवारी जैसे बल्लेबाज भी अफगानिस्तान के पास मौजूद हैं जो अपनी टीम को संकट से निकालने का मादा रखते हैं. शेनवारी ने स्काटलैंड के खिलाफ 96 रनों की शानदार विजयी पारी खेली थी.



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