आईपीएल-12 : चेन्नई ने तोड़ा दिल्ली का सपना, 8वीं बार फाइनल में

Last Updated 11 May 2019 12:10:22 AM IST

गत विजेता चेन्नई सुपर किंग्स ने शुक्रवार को खेले गए क्वालीफायर-2 में दिल्ली कैपिटल्स को छह विकेट से हरा कर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण के फाइनल में जगह बना ली है।


चेन्नई 8वीं बार फाइनल में

क्वालीफायर-1 में मुंबई इंडियंस से मात खाकर क्वालीफायर-2 खेलने के लिए मजबूर हुई चेन्नई ने इस मैच में पहली बार फाइनल में जाने की जुगत में रखी दिल्ली को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनने वाली चेन्नई ने अपने गेंदबाजों के संयुक्त प्रदर्शन के दम पर दिल्ली को 20 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर 147 रनों पर ही सीमित कर दिया। इस लक्ष्य को उसने बेहतरीन शुरुआत के दम पर 19 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया।

डॉ. वाई.एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में खेले गए इस मैच में चेन्नई के लिए फाफ डु प्लेसिस और शेन वाटसन ने 50-50 रन बनाए। डु प्लेसिस ने 39 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का मारा। वाटसन की 32 गेंदों की पारी में पर तीन चौके और चार छक्के शामिल रहे।

दिल्ली के सर्वोच्च स्कोर ऋषभ पंत रहे, जिन्होंने 25 गेंदों पर दो चौके और एक छक्के मदद से 38 रनों की पारी खेली। चेन्नई के लिए दीपक चाहर, हरभजन सिंह, रवींद्र जडेजा और ड्वायन ब्रावो ने दो-दो विकेट लिए। एक विकेट इमरान ताहिर को मिला।

चेन्नई आठवीं बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रही है, जहां रविवार को उसका सामना तीन बार की विजेता मुंबई इंडियंस से होगा। चेन्नई और मुंबई चौथी बार आईपीएल फाइनल खेलेंगी। इन दोनों टीमों के बीच खेले गए बीते तीन फाइनल मैचों में से दो में मुंबई और एक में चेन्नई ने जीत हासिल की है।

इस हार के साथ ही दिल्ली का पहली बार आईपीएल फाइनल खेलने का सपना टूट गया। बदले हुए नाम से उतरी दिल्ली फ्रेंचाइजी ने छह सीजन बाद प्लेऑफ में जगह बनाई थी और एलिमिनिटेर में सनराइजर्स हैदराबाद को मात देकर पहली बार प्लेऑफ में जीत हासिल भी की थी, लेकिन उसने चेन्नई के सामने पूरी तरह से दम तोड़ दिया।

148 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई को डु प्लेसिस और वाटसन ने दमदार शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 10.2 ओवरों में 81 रन जोड़े। ट्रेंट बाउल्ट ने डु प्लेसिस का विकेट ले इस साझेदारी को तोड़ा।

डु प्लेसिस जाने से खतरा टला नहीं था, क्योंकि वाटसन टिके हुए थे। वाटसन ने 12वें ओवर की आखिरी गेंद पर छक्का मार अपने 50 रन पूरे किए, लेकिन अगले ओवर में अमित मिश्रा ने वाटसन की पारी को समाप्त कर दिया। यहां से चेन्नई को 47 गेंदों पर 39 रन चाहिए थे।

चेन्नई को बाकी के रन बनाने में कोई परेशानी नहीं हुई। सुरेश रैना (11) 127 के कुल स्कोर पर आउट हो गए थे, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी (9) और अंबाती रायडू (नाबाद 20) ने टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचाया दिया। छक्के से साथ टीम को जीत दिलाने की ख्वाहिश में धोनी 146 के कुल स्कोर पर आउट हो गए, लेकिन अगली ही गेंद पर लेग बाई के चौके के साथ चेन्नई ने जीत हासिल की।

इससे पहले चेन्नई के गेंदबाजों ने अच्छा काम किया और लगातार विकेट लेते रहे, जिससे दिल्ली की टीम हमेशा एक बड़ी साझेदारी की कमी से जूझती रही।

विकेट लेने की शुरुआत चाहर ने पृथ्वी शॉ (5) को 21 के कुल स्कोर पर आउट कर की। स्कोर 37 तक ही पहुंचा था कि हरभजन सिंह ने शिखर धवन (18) को पवेलियन भेज दिया।

तीसरे नंबर पर कप्तान श्रेयस अय्यर के स्थान पर आए, कोलिन मुनरो 24 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 27 रन ही बना सके। 57 के कुल योग पर वह जडेजा की गेंद पर ब्रावो के हाथों लपके गए। कप्तान अय्यर को इमरान ताहिर ने 13 के निजी स्कोर पर अपना शिकार बनाया। अक्षर पटेल (3) का बल्ला भी खामोश रहा।

दिल्ली का स्कोर 13 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 80 रन था। यहां से पंत और शेरफेन रदरफोर्ड क्रीज पर थे। रदरफोर्ड ने 16वें ओवर में गियर बदलने की कोशिश की और हरभजन द्वारा फेंकी गई दूसरी गेंद पर छक्का लगाया, लेकिन दो गेंद पर वह एक और बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में शेन वाटसन के हाथों लपके गए।



पंत ने अगले ओवर में ताहिर पर एक चौका और एक छक्का मारा। 18वें ओवर में ब्रावो ने कीमो पॉल (3) को आउट कर दिल्ली को आठवां झटका दिया। दिल्ली की उम्मीदें पंत से थीं, जो 19वें ओवर की चौथी गेंद पर चाहर के हाथों पंत के आउट होने से टूट गईं।

धोनी ने आखिरी ओवर जडेजा को दिया, जिसमें 16 रन आए। इसमें जडेजा ने ट्रेंट बोल्ट (6) का विकेट भी लिया। ईशांत शर्मा (नाबाद 10) ने आखिरी दो गेंदों पर एक चौका और एक छक्का मार दिल्ली को थोड़ा ऊपर पहुंचाया।

आईएएनएस
विशाखापट्टनम


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