INDvsSA: टीम इंडिया को सीरीज कब्जाने के लिए सुधारनी होंगी ये गलतियां
भारतीय क्रिकेट टीम अपनी गलतियों से पिछला मैच हारी जिससे मेजबान दक्षिण अफ्रीका को वापसी का मौका मिल गया, लेकिन मंगलवार को पांचवें वनडे में उसके पास सबक लेते हुये सीरीज पर कब्जा सुनिश्चित करने का फिर से अवसर रहेगा.
फाइल फोटो |
भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका कीामीन पर अपना आखिरी टेस्ट और छह मैचों की सीरीज के शुरूआती तीनों वनडे जीतने के बाद बेहतरीन लय में दिखाई दे रही थी लेकिन ‘गुलाबी जर्सी ’में अफ्रीकी टीम कमाल कर गयी और उसने 3-1 के साथ वापसी का संकेत दे दिया.
हालांकि कप्तान विराट कोहली की टीम के पास 25 वर्षों में दक्षिण अफ्रीकी जमीन पर अपनी पहली सीरीज जीतकर इतिहास रचने के अभी दो मौके हैं, लेकिन बेहतर होगा कि टीम यह काम पोर्ट एलिजाबेथ में निपटा ले.
जोहानसबर्ग में भारतीय फील्डरों ने वर्षा प्रभावित मैच में कई कैच टपकाये, नो बॉल उसके लिये जी का जंजाल बन गयी तो पिछले तीन मैचों के हीरो कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की स्टार स्पिन जोड़ी ने मिलकर 11.3 ओवर की गेंदबाजी में 119 रन लुटा दिये.
विराट इस प्रदर्शन से इतने खफा दिये कि उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत इस मैच में जीत का हकदार नहीं था. एक बात साफ है कि टीम अपनी गलतियों और कमियों को जानती है, और उसकी कोशिश इसे दोहराने से बचने की होगी.
गेंदबाजों में जहां दोनों स्पिनर पहली बार महंगे साबित हुये तो वहीं तेज गेंदबाजों ने फिर से अपनी उपयोगिता साबित कर दी. भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह ने संभलते हुये 27 और 21 रन दिये और उनके हिस्से में एक विकेट भी आया.
हालांकि इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यहां की पिचों पर चाइनामैन गेंदबाज और लेग स्पिनर ने खुद को मजबूती से ढाला है और दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों के लिये अगले मैच में ये फिर से खतरा साबित होंगे.
कप्तान विराट के साथ टीम प्रबंधन का भी दोनों युवा स्पिनरों पर भरोसा है और विश्वकप टीम में लगभग अपनी जगह पक्की कर चुके इन गेंदबाजों से आगे भी विकेटों की उम्मीद की जा सकती है. कुलदीप और चहल ने अब तक 12-12 विकेट लिये हैं वहीं तेज गेंदबाजों में बुमराह(पांच विकेट) दूसरे सफल गेंदबाज हैं.
भारतीय टीम के लिये निश्चित ही पोर्ट एलिाबेथ मैच काफी अहम होगा ताकि उसे छठे मैच तक दबाव न झेलना पड़े. ऐसे में टीम के चयन पर भी ध्यान देना होगा. केपटाउन में चोटिल हुये केदार जाधव पूरी तरह से फिट नहीं हैं और टीम के पास स्पिन गेंदबाजी में इससे एक विकल्प कम हो जाता है. उनके खेलने को लेकर अभी भी संदेह है वहीं ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या ने अभी तक चार मैचों में एक ही विकेट लिया है और मात्र 26 रन ही बना सके हैं.
दूसरी ओर बल्लेबाजी क्रम में भी टीम के लिये रोहित शर्मा चिंता का विषय हैं जो अच्छी शुरूआत दिलाने में नाकाम रहे हैं और चार मैचों में 40 रन ही बना पाये हैं जिसमें 20 रन उनका बड़ा स्कोर है. साथ ही मध्यक्रम में अजिंक्य रहाणे ने भी वापसी के बाद से बहुत प्रभावित नहीं किया है. उन्होंने 79 रन की अर्धशतकीय पारी के बाद पिछले दो मैचों में 08 और 11 रन ही बनाये हैं.
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