जोहान्सबर्ग में भी छाए तेज गेंदबाज, कोहली और पुजारा के अर्धशतक

Last Updated 24 Jan 2018 09:38:08 PM IST

जैसी उम्मीद थी वैसा ही हुआ. वंडर्स की विकेट भी तेज उछाल वाली निकली और एक बार फिर तेज गेंदबाजों का कहर देखने को मिला. पहले दिन कुल 11 विकेट गिरे. बुधवार को जल्दी पवेलियन लौटने वाली भारतीय टीम ने पहले दिन खेल खत्म होने से पहले मेजबान दक्षिण अफ्रीका को शुरुआती झटका दे दिया.


भुवनेश्वर कुमार ने एडिन मार्करम को पार्थिव पटेल के हाथों कैच कराया.

मेजबान टीम ने दिन का अंत छह ओवरों में छह रनों पर एक विकेट के साथ किया. सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर चार रन बनाकर खेल रहे हैं. नाइट वॉचमैन कागिसो रबादा ने 10 गेंद खेलने के बाद अपना खाता नहीं खोला है.

भारत को 187 रनों पर ही समेटने के बाद अपनी पहली पारी खेलने उतरी मेजबान टीम के सलामी बल्लेबाजों को भी गेंद की उछाल और स्विंग ने छकाया. टीम को पहला झटका भुवनेश्वर कुमार ने तीसरे ओवर में एडिन मार्करम (2) को विकेट के पीछे पार्थिव पटेल के हाथों कैच करा कर दिया.

इससे पहले, मेजबान टीम के गेंदबाजों का जलवा देखने को मिला जिनके सामने भारत के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई के आंकड़े को छू सके. कप्तान विराट कोहली (54) और चेतेश्वर पुजारा (50) के अलावा भुवनेश्वर ने बहुमूल्य 30 रनों की पारी खेली. हालांकि, कोहली को जीवनदान भी मिला.

भारतीय टीम ने पहले और दूसरे सत्र में दो-दो विकेट खोए. दिन के आखिरी सत्र में वह अपने बाकी के छह विकेट खोकर पवेलियन लौट गई. पहले सत्र में भारत ने 13 के कुल स्कोर पर ही अपने दो विकेट खो दिए थे, लेकिन कोहली ने दबाव में बिखरे बिना अपना स्वाभाविक खेल खेला और पुजारा के साथ तीसरे विकेट के लिए 84 रनों की साझेदारी करते हुए टीम को संभाला. इसी बीच लुंगी नगिडी की एक गेंद कोहली के बल्ले का किनारा लेकर सीधे स्लिप में अब्राहम डिविलियर्स के हाथों में चली गई और इस मौके को डिविलियर्स ने हाथ से जाने नहीं दिया. यहां कोहली की पारी का अंत हुआ. उन्होंने 106 गेंदों पर नौ चौके लगाए.

दो टेस्ट मैचों से बाहर बैठे अंजिक्य रहाणे से सभी को उम्मीदें थीं. उनके स्थान पर पहले दो टेस्ट मैचों में रोहित शर्मा को मौका दिया गया था जिसे लेकर कोहली के टीम चयन पर काफी उंगलियां उठी थीं. लेकिन, रहाणे मौके का फायदा नहीं उठा पाए और 113 के कुल स्कोर पर मोर्ने मोर्केल की गेंद पर पगबाधा करार दे दिए गए.

आउट होने से पहले रहाणे को जीवनदान भी मिला.



वर्नोन फिलेंडर द्वारा फेंक गए 49वें ओवर की चौथी गेंद पर रहाणे विकेट के पीछे क्विंटन डी कॉक को कैच दे बैठे थे, लेकिन यह गेंद नो बाल निकली और रहाणे को जीवनदान मिला. लेकिन, रहाणे उसका फायदा नहीं उठा सके.

बेहद धीमा और संभलकर खेल रहे पुजारा ने अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन उसके बाद पवेलियन लौट गए. उनकी मैराथन पारी का अंत आंदिले फेहुलकवायो ने 144 के कुल स्कोर पर क्विंटन डी कॉक के हाथों कैच करा कर किया.

अंत में भुवनेश्वर एक छोर पर खड़े रहे और पार्थिव पटेल (2), हार्दिक पांड्या (0), मोहम्मद शमी (8), ईशांत शर्मा (0) जल्दी-जल्दी पवेलियन लौट लिए. रबादा ने भुवनेश्वर को आउट कर भारतीय पारी का अंत किया.

इससे पहले भारत ने टॉस जीता और कोहली ने तेज गेंदबाजों की मददगार मानी जा रही इस विकेट पर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया. उनका यह फैसला दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने गलत साबित हुआ जो लगातार अपनी उछाल और स्विंग से मेहमान टीम की सलामी जोड़ी को परेशान कर रहे थे.

भारत को पहला झटका लोकेश राहुल के रूप में लगा. फिलेंडर की एक शानदार इनस्विंग गेंद उनके बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर विकेटकीपर डी कॉक के हाथों में जा समाई. राहुल एक भी रन नहीं बना पाए. वह सात के कुल स्कोर पर आउट हुए.

उनके बाद पुजारा और मुरली विजय (8) ने संघर्ष करने की कोशिश की, लेकिन मेजबान टीम के कप्तान फाफ डु प्लेसिस द्वारा किए गए गेंदबाजी में बदलाव के कारण विजय का संघर्ष ज्यादा देर चल नहीं सका. विजय, कागिसो रबादा की बाहर जाती गेंद पर कवर ड्राइव खेलने गए तभी गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर डी कॉक के हाथों में चली गई. विकेटकीपर ने यहां कोई गलती नहीं की और विजय को पवेलियन लौटना पड़ा.

 

आईएएनएस


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