विदर्भ की जीत को कप्तान फैज फजल ने बताया सबसे बड़ी उपलब्धि
कप्तान फैज फजल ने आज विदर्भ की पहली रणजी ट्राफी जीत को अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि करार दिया जिसे वह जिम्बाब्वे के खिलाफ एकमात्र वनडे में भारत के प्रतिनिधित्व करने से भी बड़ा मानते हैं.
पहली बार रणजी चैंपियन बनने पर ट्रॉफी के साथ जश्न मनाते विदर्भ के खिलाड़ी |
विदर्भ ने आज दिल्ली को नौ विकेट से हराकर देश के प्रीमियर घरेलू टूर्नामेंट का खिताब जीतकर क्षेत्र के क्रि केट इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया.
फजल उस भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने 2016 में जिम्बाब्वे का दौरा किया था और अपने करियर के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय मैच में इस 32 वर्षीय बल्लेबाज ने पारी का आगाज करते हुए अर्धशतकीय पारी खेली थी.
उन्होंने कहा, रणजी ट्राफी जीतना मेरे करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी. मैं जानता हूं कि भारत के लिये खेलना व्यक्तिगत रूप से मेरे लिये बड़ी चीज थी. मैं हमेशा ही टीम-मैन रहा हूं. टीम के लिये ट्राफी जीतना मेरे लिये बड़ी चीज है.
फजल ने कहा, मैं अपने उम्र ग्रुप के क्रि केट दिनों से विदर्भ की कप्तानी कर रहा हूं. और एक रणजी टीम की अगुवाई करना आसान चीज नहीं है.
उन्होंने कहा, यह जीत परीकथा से कम नहीं है. इस अहसास को बयां नहीं किया जा सकता. क्रिकेटर के तौर पर हमने हमेशा ही रणजी ट्राफी जीतने का ख्वाब देखा था. यह हमारे करियर की बड़ी चीज है. आज यह हो गया और मैं बहुत खुश हूं. मेरे लिये हम सातवें आसमान पर हैं. लेकिन हमें जमीं पर आकर कल अपना काम शुरू करना होगा.
विदर्भ ने सात बार के चैंपियन दिल्ली को फाइनल में नौ विकेट से हराकर पहली बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया. विदर्भ के सामने केवल 29 रन का लक्ष्य था और उसने एक विकेट पर 32 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की. नौवीं बार रणजी फाइनल में खेल रहे मुंबई के पूर्व कप्तान वसीम जाफर ने चौका जड़कर अपने कॅरियर में पहली बार खिताबी मुकाबले में विजयी रन बनाया.
विदर्भ इस तरह से रणजी चैंपियन बनने वाली 17वीं टीम बन गई है और गुरबाणी को शानदार प्रदर्शन के लिए ‘मैन ऑफ द मैच’ चुना गया.
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