युवराज सिंह रणजी ट्राफी में खेलने के बजाय एनसीए में कर रहे हैं ट्रेनिंग, बीसीसीआई नाराज़

Last Updated 23 Nov 2017 11:37:10 AM IST

भारत के अनुभवी क्रिकेटर युवराज सिंह का रणजी ट्राफी मैच नहीं खेलकर राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में फिटनेस ट्रेनिंग करने का फैसला बीसीसीआई के अधिकारियों के एक वर्ग को पसंद नहीं आ रहा है.


युवराज सिंह (फाइल फोटो)

युवराज अभी तक पंजाब के पांच में से चार रणजी मैचों में नहीं खेले हैं. वह विदर्भ के खिलाफ सिर्फ एक मैच में खेले हैं जिसमें उन्होंने 20 और 42 रन बनाये हैं.
        
बीसीसीआई के कुछ अधिकारी अब राष्ट्रीय क्रि केट अकादमी (एनसीए) में उनकी मौजूदगी पर सवाल उठा रहे हैं क्योंकि उन्होंने अभी किसी तरह की चोट के बारे में नहीं बताया है.
        
पता चला है कि युवराज यो यो फिटनेस टेस्ट को पास करने के लिये बेताब हैं जिसमें पहले वह असफल हो गये थे लेकिन ऐसा प्रतिस्पर्धी मैचों में नहीं खेलकर हो रहा है.
       
भारतीय टीम में वापसी भी युवराज के लिये जरूरी है क्योंकि उनके आईपीएल नीलामी पूल में वापसी की उम्मीद है और फ्रेंचाइजी टीमों के लिये भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ी को लेना पहला विकल्प नहीं होता.
        
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि युवराज रिहैबिलिटेशन कर रहे हैं लेकिन हमें पता चला है कि वह यो यो टेस्ट पास करने के लिये विशेष फिटनेस ट्रेनिंग कर रहे हैं. लेकिन रणजी ट्राफी छोड़ना अच्छी चीज है या नहीं, इस पर युवराज को फैसला करना होगा.  
 
अधिकारी ने कहा, क्या इसका मतलब है कि अगर वह 16.1 (भारतीय टीम प्रबंधन द्वारा निर्धारित फिटनेस मानक) को हासिल कर लेते हैं और उनके खाते में कोई रन नहीं होते हैं तो क्या उन्हें श्रीलंका के खिलाफ सीमित ओवरों की सीरीज के लिये चुना जायेगा? 


       
हालांकि युवराज से इस मामले पर बातचीत नहीं की जा सकी है.
      
बीसीसीआई अधिकारी ने साथ ही कहा, हमने सुना है कि युवराज ने पंजाब टीम प्रबंधन को बताया है कि उन्हें भारतीय टीम ने फिटनेस टेस्ट कराने को कहा है

जबकि चयनकर्ताओं ने हमेशा ही रणजी ट्राफी के प्रदर्शन पर जोर दिया है. ईशांत शर्मा को देखिये. वह भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं लेकिन उन्हें कोलकता टेस्ट से एक दिन पहले ही रिलीज कर दिया ताकि वह महाराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्राफी मैच खेल सकें.   
       
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद को इस फैसले में भरोसे में लिया गया है या नहीं जो मैच खेलने को तरजीह देने की वकालत करते हैं.

 

भाषा


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