कुंबले-कोहली विवाद पर द्रविड़ ने तोड़ी चुप्पी, कहा-विराट के बचपने और युवाओं पर उसके असर से हूं चिंतित

Last Updated 31 Oct 2017 02:54:20 PM IST

पूर्व कप्तान और जूनियर क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा है कि वह टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली के आक्रामक व्यवहार को देखकर कई बार चिंतित हो जाते हैं क्योंकि इसका युवाओं पर भी असर पड़ता है.


विराट के आक्रामक रवैये पर राहुल द्रविड़ चिंतित

पूर्व कप्तान ने कहा कि वह विराट के आक्रामक शब्दों को सुनकर वह थोड़ा घबरा जाते हैं क्योंकि इससे टीम के बाकी युवा खिलाड़यिों पर भी असर हो सकता है और वह भी उसी तरह का व्यवहार अपना सकते हैं. द्रविड़ ने कहा मैं विराट की आक्रामकता को देखकर कई बार थोड़ा घबरा जाता हूं लेकिन यह भी सच है कि यदि इस तरह से वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाते हैं तो उन्हें इससे कोई आपत्ति नहीं है.
       
द्रविड़ ने कहा मेरा मानना है कि खेल अभी भी प्रदर्शन पर निर्भर करता है इसलिये विराट जैसे खिलाड़ी को इससे नहीं रोका जा सकता है क्योंकि यह आक्रामकता उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ करने में मदद करती है. यह उनकी शख्सियत है.
      
उन्होंने कहा कई बार लोग मुझसे कहते हैं मैंने ऐसा क्यों नहीं किया. लेकिन यदि मैं अपनी बाहों पर टैटू बनवा लेता तो मुझे नहीं लगता इससे मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पाता. यदि मैं ऐसा करता तो वह मेरी शख्सियत नहीं होती.  मैं खुद से सच नहीं बोलता.
        
अंडर-19 क्रिकेट टीम के कोच द्रविड़ ने कहा कि विराट की आक्रामकता उन्होंने खासकर आस्ट्रेलिया के साथ सीरीज से पूर्व अधिक देखी है. उन्होंने कहा आस्ट्रेलिया के साथ सीरीज से पूर्व विराट ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं और जब मैं अखबार में उनके बयानों को पढ़ता हूं तो घबरा जाता हूं. लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें इस तरह की प्रतिस्पर्धा पसंद है. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर सकता.



पूर्व दिग्गज क्रिकेटर ने कहा विराट मैदान पर जैसा भी व्यवहार करें आखिर में वह अपने लक्ष्य में कामयाब हो जाते हैं और वह उसी तरह से व्यवहार करते हैं जो उन्हें अच्छा खेलने में मदद करता है. यदि अजिंक्या रहाणे को देखें तो वह काफी अलग हैं और वह मैदान पर अगल चीजें करते हैं. मुझे लगता है कि यही वास्तविकता है जो हर खिलाड़ी के लिये सबसे अहम होती है.
      
द्रविड़ ने कहा यदि विपक्षी टीम को उकसाने से विराट का सबसे अच्छा खेल बाहर आता है तो अच्छी बात है और यह इसलिये भी है क्योंकि वह दुनिया में फिलहाल सबसे अच्छे क्रिकेटरों में हैं तो उन्हें इसके लिये दोष नहीं दिया जा सकता है.
        
जूनियर टीम के कोच ने हालांकि माना कि वह इस बात से थोड़े चिंतित जरूर हैं कि कई बार जूनियर क्रिकेटर भी विराट की इस आक्रामकता की नकल करने का प्रयास करते हैं. उन्होंने कहा मुझे इस बात से काफी चिंता होती है कि विराट का मैदान पर जिस तरह का व्यवहार रहता है कई जूनियर खिलाड़ी उसकी नकल करने का प्रयास करते हैं.
         
द्रविड़ ने कहा यह मेरे लिये बहुत डरावना है कि बच्चे विराट की तरह नकल करें. 12, 13 और 14 साल के छोटे बच्चे भी विराट की तरह बनना चाहते हैं और अपनी वास्तिविकता को भुलकर दूसरे की तरह बनने की कोशिश कर रहे हैं जिससे उनका मूल खेल और व्यवहार नष्ट हो रहा है.
        
पूर्व कप्तान ने साथ ही माना कि भारतीय खिलाड़ियों में मौजूदा समय में जो आत्मविश्वास दिखता है उसकी बड़ी वजह भारतीय बोर्ड के पास वित्तीय सुरक्षा और खिलाड़ियों को मिलने वाली मोटी कमाई और आर्थिक सुरक्षा भी है. उन्होंने कहा जब मैंने शुरूआत की थी तो मैं अपने शुरूआती दौरों को लेकर बहुत उत्साहित होता था और हम सोचते थे कि यदि सीरीज में एक भी टेस्ट जीतेंगे तो सौभाग्यशाली होंगे. लेकिन आज टीम से जीतने की उम्मीद की जाती है.
        
द्रविड़ ने साथ ही जूनियर खिलाड़ियों को शुरूआती स्तर पर ही एजेंट नहीं रखने पर भी सलाह दी. राष्ट्रीय जूनियर कोच ने कहा मैं युवा खिलाड़ियों को सबसे पहले कहना चाहता हूं कि आप जब तक बड़े स्तर तक न पहुंच जाएं आपको एजेंट की जरूरत नहीं है. विराट या महेंद्र सिंह धोनी को एजेंट की जरूरत है क्योंकि वह बहुत उच्च स्तर पर हैं लेकिन 17 या 18 साल के खिलाड़ियों को फिलहाल इससे दूर रहकर अपने खेल पर ध्यान देना चाहिये.

 

वार्ता


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