BCCI ने फंड के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने लगाई गुहार
इंग्लैंड के साथ राजकोट में बुधवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच को संचालित कराने के लिए बीसीसीआई ने फंड की मांग की है.
(फाइल फोटो) |
इसके लिए बीसीसीआई ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल बीसीसीआई पर वित्तीय फैसले लेने पर रोक लगा रखी है.
कोर्ट ने कहा है कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को मानने के बाद ही बोर्ड को वित्तीय अधिकार मिल सकत हैं.
न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे और न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की खंडपीठ के सामने पेश होते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर बीसीसीआई को फंड जारी नहीं किए गए तो राजकोट टेस्ट रद्द किया जा सकता है.
सिब्बल ने कोर्ट से इस मामले में त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया. दूसरी ओर, लोढ़ा समिति के वकील गोपाल एस. ने न्यायालय को बताया कि बीसीसीआई ने कोर्ट के 21 अक्टूबर के आदेश को नहीं माना है.
गोपाल एस. ने कहा कि कोर्ट द्वारा स्वीकृत लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार बीसीसीआई को शर्तो के मानने से पहले किसी भी प्रकार का फंड नहीं दिया जाना चाहिए.
इस पर सिब्बल ने कहा, "ठीक है कि हमने (बीसीसीआई) ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया लेकिन इसके बावजूद लोढ़ा समिति को फंड जारी करने को कहा जाए क्योंकि अगर फंड नहीं मिला तो राजकोट टेस्ट रद्द किया जा सकता है."
इस पर न्यायमूर्ति दवे ने कहा कि वह इस मामले में प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर से भोजनकाल के दौरान मिलेंगे और कोई भी फैसला लेने से पहले उनसे चर्चा करेंगे.
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