धोनी ने युवा खिलाडियों के बचाव में कहा- फिनिशर बनने में युवाओं को समय लगेगा

Last Updated 27 Oct 2016 01:41:05 PM IST

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद युवा खिलाडियों का बचाव करते हुये कहा कि कि बड़े शाट्स खेलने से डरने की जरूरत नहीं है.


फिनिशर बनने में युवाओं को लगेगा समय (फाइल फोटो)

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ मिली हार के बाद युवा खिलाडियों का बचाव करते हुये कहा है कि निचले क्रम पर लक्ष्य का पीछा करना आसान काम नहीं है और इसके लिये युवाओं को कुछ समय दिये जाने और संयंम बरतने की जरूरत है.
        
भारत के लिये रांची में खेला गया चौथा वनडे सीरीज कब्जाने के लिहाज से अहम था लेकिन न्यूजीलैंड ने अपनी हार टालते हुये सीरीज में 2-2 की बराबरी कर ली. मैच में मिली 19 रन की हार के बाद धोनी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा युवा खिलाडियों को बड़े शाट्स खेलने से डरने की जरूरत नहीं है. यदि वह आगे आकर नहीं खेलेंगे तो वह अपने खेल को निखार नहीं सकेंगे.
        
टीम के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धोनी ने कहा निचले क्रम पर खेलकर लक्ष्य का पीछा करना हमेशा मुश्किल होता है और अभी उन्हें इस काम को सीखने के लिये समय दिये जाने की जरूरत है. धोनी के बल्लेबाजी क्रम में चौथे नंबर पर खेलने से फिनिशर की जगह खाली हो गयी है. इससे पहले भी कप्तान ने कहा था कि क्रम में खुद को ऊपर रखने से निचले क्रम पर नये खिलाड़यिों को तैयार करने का मौका मिलेगा.
         
उन्होंने कहा पांचवें और छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी अभी नये हैं. कुछ खिलाड़ी इस क्रम पर भी बड़े शॉट खेलना पसंद करते हैं. क्रिकेट बदल चुका है और खिलाड़यिों को ऐसे खेलना पसंद है. जरूरी है कि हम उन्हें ऐसा खेलने से रोकने के बजाय प्रोत्साहित करें. बल्लेबाजों ने ऐसे शॉट तभी खेले जब गेंद उनके क्षेा में थी. वह यह भूमिका 15 से 20 मैचों के बाद ही सीख पाएंगे.

अपने घरेलू मैदान रांची में मिली पहली हार से धोनी कुछ निराश जरूर दिखे और उन्होंने गेंदबाजों के अधिक रन लुटाने की भी निंदा की. कप्तान ने कहा हमने पहले 10 ओवरों में कुछ ज्यादा ही अतिरिक्त रन दे दिये. इस मैदान पर 230 तक का पीछा आसानी से हो सकता था और यदि विकेट हमारे पास होते तो हम 260 का पीछा भी कर सकते थे.
         
धोनी ने साथ ही कहा कि इस मैच में दिल्ली के दूसरे वनडे जैसी कहानी रही और टीम ने थोड़े अंतराल में ज्यादा विकेट गंवा दिये. उन्होंने कहा, यह दिल्ली वनडे जैसी कहानी रही जहां हमने लगातार विकेट गंवाये थे. हमें कुछ साझेदारियां करने की जरूरत थी जो यहां नहीं हो पायीं.
          
कप्तान ने साथ ही कहा कि विकेट दोपहर में बल्लेबाजी करने के लिये अच्छा था लेकिन इसके बाद यह धीमा होता चला गया. उन्होंने कहा, लाइट्स में गेंद बल्ले पर सही आ रही थी लेकिन जैसे जैसे गेंद पुरानी होती चली गयी ,बल्लेबाजी मुश्किल होती चली गयी.
            
धोनी ने कहा कि अब टीम को 29 अक्टूबर को विशाखापट्नम में पांचवें और निर्णायक वनडे में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा. उन्होंने कहा वर्ष के इस समय में विशाखापट्नम में ओस बहुत होती है और ऐसी स्थिति में पहले गेंदबाजी करना अच्छा रहता है. हमें निर्णायक मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ करना होगा ताकि सीरीज जीत सकें.

वार्ता


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