Delhi ODI: विलियमसन का शतक, भारत का कोटला में विजय अभियान थमा

Last Updated 20 Oct 2016 03:09:56 PM IST

न्यूजीलैंड ने कप्तान केन विलियमसन के शतक और शानदार गेंदबाजी के दम पर दूसरे वनडे में भारत को छह रन से हराकर सीरीज में 1-1 की बराबरी की.


केन विलियमसन को शतक की बधाई देते हुए कोरी एंडरसन.

विलियमसन ने 118 रन बनाये जो किसी कीवी कप्तान का भारत के खिलाफ सर्वोच्च स्कोर है. उन्होंने अपनी पारी में 118 गेंदों का सामना किया तथा 14 चौके और एक छक्का लगाया. विलियमसन ने इस बीच टाम लैथम (46) के साथ दूसरे विकेट के लिये 120 रन की साझेदारी की. भारत ने हालांकि अंतिम दस ओवरों में शानदार वापसी करके केवल 40 रन दिये और इस बीच छह विकेट लिये. इस कारण न्यूजीलैंड नौ विकेट पर 242 रन ही बना पाया.

भारतीय बल्लेबाज शुरू से ही परिस्थितियों से सामंजस्य नहीं बिठा पाये. कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (39) और केदार जाधव (41) ने छठे विकेट के लिये 66 रन जोड़कर उम्मीद जगायी जबकि हार्दिक पंड्या की 32 गेंदों पर 36 रन की पारी ने दर्शकों में जोश भरा लेकिन आखिर में भारत 49.3 ओवर में 236 रन पर आउट हो गया.

न्यूजीलैंड ने इससे पहले भारत को वनडे में उसकी सरजमीं पर 2003 में कटक में हराया था. इस बीच उसने वनडे में भारत से उसकी धरती पर सात मैच गंवाये थे. यही नहीं वर्तमान दौरे में टेस्ट श्रृंखला 0-3 से गंवाने और धर्मशाला में पहले वनडे में करारी हार के बाद कीवी टीम ने पहली जीत का स्वाद चखा. इसके साथ ही फिरोजशाह कोटला में भी भारत का पिछले 11 साल से किसी भी प्रारूप में चला आ रहा विजय अभियान थम गया.

पंड्या और उमेश यादव (नाबाद 18) ने भारत को जीत के करीब पहुंचा दिया था. इन दोनों की विकेटों के बीच दौड़ देखने लायक थी जिससे उन्होंने कुछ अवसरों पर एक रन को दो में तब्दील किया. आखिरी दो ओवर में 16 रन चाहिए थे लेकिन पंड्या हवा में शाट खेलकर आउट हो गये और आखिरी ओवर में टिम साउथी (52 रन देकर तीन विकेट) ने जसप्रीत बुमराह का विकेट उखाड़ दिया. ट्रेंट बोल्ट और मार्टिन गुप्टिल ने भी दो दो विकेट लिये.

न्यूजीलैंड की पारी के दौरान भारत को वापसी दिलाने में तेज गेंदबाज बुमराह (35 रन देकर तीन) और लेग स्पिनर अमित मिश्रा (60 रन देकर तीन विकेट) ने अहम भूमिका निभायी. पिच में तेजी और उछाल थी और न्यूजीलैंड के गेंदबाजों ने भी इसे भांपकर भारतीय बल्लेबाजों को खुलकर नहीं खेलने दिया. रोहित शर्मा (15) ने एक खूबसूरत छक्का जरूर लगाया लेकिन इसके तुरंत बाद वह पवेलियन लौट गये.

कोहली के आने में स्टेडियम में उठा शोर 18 मिनट बाद थम गया. सैंटनर की लेग की तरफ जाती गेंद पर कोहली का बल्ला छू गया और ल्यूक रोंकी ने उसे दस्तानों में दबाकर दिल्ली वालों का दिल तोड़ दिया. लक्ष्य का पीछा करते हुए 15 शतक जड़ने वाले कोहली 13 गेंदों पर नौ रन ही बना पाये.

मनीष पांडे (19) ने एंटन डेविच पर मिडविकेट पर समानान्तर छक्का लगाकर दर्शकों में कुछ जोश भरा लेकिन यह क्या? अजिंक्य रहाणे (28) ने टिम साउथी के बाउंसर को फाइन लेग पर पुल किया. कोरे एंडरसन ने नीचा रहता हुआ कैच लिया लेकिन वह स्वयं सुनिश्चित नहीं थे कि कैच सही लिया गया है या नहीं. मैदानी अंपायर ब्रूस ओक्सनफोर्ड की राय थी कि बल्लेबाज आउट है. इसलिए तीसरे अंपायर सी शम्सुद्दीन कई बार रीप्ले देखने के बाद जब किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे तो उन्होंने मैदानी अंपायर का निर्णय अंतिम मानकर आउट का सिग्नल दबा दिया.

इसके तुरंत बाद पांडे तेजी से रन चुराने के प्रयास में रन आउट हो गये. जाधव के सैंटनर पर मिडविकेट पर लगाये गये छक्के से भारत 25.2 ओवर में 100 रन के पार पहुंचा. जाधव अपने कप्तान के साथ मिलकर जब भारतीय पारी को संवार रहे थे तभी उन्होंने हेनरी फुललेंथ गेंद को र्थडमैन पर खेलने के प्रयास में विकेटकीपर को कैच दे दिया.

धोनी ने एक छोर पर टिककर दूसरे छोर से बल्लेबाजों को लंबे शाट खेलने की छूट देते रहे लेकिन तभी उनकी पुश की गयी गेंद को गेंदबाज साउथी ने अपने दायीं तरफ डाइव लगाकर कैच कर दिया. विलियमसन ने तुरंत कामचलाऊ स्पिनर मार्टिन गुप्टिल को गेंद थमायी और उन्होंने एक ओवर में अक्षर पटेल (17) और अमित मिश्रा (1) को आउट करके अपने कप्तान के फैसले को सही साबित किया.

इससे पहले एक समय लग रहा था कि न्यूजीलैंड बड़ा स्कोर बनाने में सफल रहेगा. उसने 40 ओवर तक तीन विकेट पर 202 रन बनाये थे और लग रहा था, लेकिन अंतिम दस ओवरों में पासा पलट गया. आलम यह था कि 38वें ओवर के बाद 50वें ओवर में जाकर गेंद ने सीमा रेखा का दर्शन किया.

भारत ने टास जीतने के बाद शानदार शुरूआत की थी. उमेश की दूसरी गेंद ही कातिल थी जिस पर दुनिया का कोई भी बल्लेबाज गच्चा खा जाता फिर मार्टिन गुप्टिल की क्या बिसात जो इस श्रृंखला में शुरू से रन बनाने के लिये तरस रहे हैं. गुडलेंथ पर पिच करायी गयी इस गेंद में तेजी, सटीकता, हल्की स्विंग सब कुछ था जिसने गुप्टिल का आफ स्टंप थर्रा दिया. गुप्टिल इस दौरे में टेस्ट और वनडे की कुल आठ पारियों में अभी तक 21 . 37 की औसत से 171 रन ही बना पाये हैं.

लैथम को देखकर लग रहा था कि वह धर्मशाला की अपनी पारी को ही आगे बढ़ाने के लिये उतरे हैं. विलियमसन की पारी बेदाग नहीं रही. मैच के दसवें ओवर में हार्दिक पंड्या की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर धोनी और रहाणो के बीच से सीमा रेखा पार गयी जबकि बुमराह के दूसरे ओवर में अंपायर ने पगबाधा की विसनीय अपील ठुकरा दी. विलियमसन जब 46 रन पर थे तब बुमराह की गेंद पर पंड्या ने जबकि 59 के निजी योग पर अक्षर पटेल की गेंद पर धोनी कैच ने उन्हें जीवनदान दिया.



लैथम सहज होकर खेल रहे थे लेकिन कामचलाऊ गेंदबाज केदार जाधव ने आते ही अपनी धीमी गेंद पर उन्हें गच्चा दे दिया. पगबाधा की जोरदार अपील पर अंपायर अनिल चौधरी की उंगली उठ गयी. लैथम इस तरह से दौरे में पहली बार किसी मैच में अर्धशतकीय पारी नहीं खेल पाये.

रोस टेलर (21) ने मिश्रा पर स्लाग स्वीप से बड़ा शाट खेलने के प्रयास में रोहित को कैच थमा दिया. दूसरी तरफ विलियमसन ने शुरूआती परेशानियों से उबरकर 109 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. यह वनडे में उनका आठवां और भारत के खिलाफ पहला शतक है. शतक पूरा करने से पहले हालांकि उनके हाथ में चोट लगी थी.

आखिरी दस ओवरों में कहानी एकदम से बदल गयी. मिश्रा ने कोरे एंडरसन (21) और विलियमसन को आउट करके डेथ ओवरों के लिये न्यूजीलैंड की लय बिगाड़ दी. मिश्रा की खूबसूरत गेंद पर विलियमसन ने उतनी ही खूबसूरती से शाट लगाया लेकिन रहाणो ने लांग आन पर उनसे भी अधिक खूबसूरती से उसे कैच में तब्दील कर दिया. निचले क्रम के बल्लेबाजों में कोई भी अपेक्षित पारी नहीं खेल पाया. इन दस ओवरों का अन्य आकषर्ण अक्षर पटेल का एंटन डेविच का एक हाथ से लिया गया कैच था. 

 

 

भाषा


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