कोलकाता टेस्ट: एक और ऐतिहासिक पल
कानपुर में भारतीय टीम ने टेस्ट नंबर 500 खेला तो कोलकाता के ईडन गार्डन्स में भारतीय सरज़मीन पर खेला जा रहा टेस्ट मैच नंबर 250 है. यानि न्यूज़ीलैण्ड के खिलाफ एक के बाद एक दोनों टेस्ट मैच का ऐतिहासिक महत्व है.
(फाइल फोटो) |
सवाल सबसे बड़ा मौसम का है, बारिश का लगातार पूर्वानुमान है, और ये बारिश कोलकाता के क्रिकेट प्रेमियों के लिए कबाब में हड्डी बन सकती है. वैसे भी न्यूज़ीलैण्ड को 1965 के बाद ईडन गार्डन्स पर खेलने का मौका मिला है, कोलकाता के इस स्टेडियम का कमोबेश वही महत्व है जैसे लन्दन के लॉर्ड्स का.
इस खूबसूरत से मैदान ने न जाने कितने ही रिकार्ड्स बनते देखे हैं, ये अलग बात है की उसमे न्यूज़ीलैण्ड की शिरकत ज्यादा नहीं है, वजह साफ है की न्यूज़ीलैण्ड को यहां लम्बे समय से खेलने का मौका ही नहीं मिला.
कप्तान केन विलियमसन, जिनके इर्द गिर्द न्यूज़ीलैण्ड की बल्लेबाज़ी घुमती है, पूरी तरह फिट नहीं थे, लेकिन टेस्ट में खेलेंगे, इसमें शायद ही कोई शक हो. सिर्फ विलियमसन ही क्यों सलामी बल्लेबाज़ लैथम, गुप्तिल, टेलर, निकोलस सभी को विकेट पर जमने के मूल मंत्र को ही जपते रहना होगा.
कोलकाता का विकेट बल्लेबाजों के अनुकूल है, हालांकि ओवरकास्ट मौसम तेज़ गेंदबाजों की भी शुरु में मदद कर सकता है. ऐसे में यदि शुरू का कुछ समय निकल गया तो बल्लेबाज़ी मुश्किल नहीं होगी. फर्राटा क्रिकेट के दौर में विकेट पर टिक कर खेलना पहले की तुलना में थोडा मुश्किल ज़रूर हो गया है, लेकिन इस फॉर्मेट में बल्लेबाज़ी के अंदाज़ में तबदीली लाकर ही बड़ी पारी खेली जा सकती है. अन्यथा 30-40 के स्कोर को बड़ा कर पाना मुश्किल होगा. एक बेहतर और ठोस शुरुआत ही न्यू ज़ीलैण्ड को टेस्ट में मजबूती दे सकती है, अन्यथा वो फिर बैकफुट पर दिखाई देगा.
गौतम गंभीर के लिए वापसी एक बेहतरीन मौका हो सकता है बशर्ते उन्हें मैदान पर उतरने का मौका मिले. गंभीर जिस तरह के फॉर्म में थे उन्हें बाहर रखना न्याय नहीं होता, लेकिन उन्हें मौका मिलेगा ऐसा लगता भी नहीं है. एक समय था जब उनके विकल्प के बारे में सोचना भी गलत लगता था, और अब ये समय है जब राहुल के अनफिट होने की वजह से उन्हें 15 में आने का मौका मिला है. भारतीय विकेट पर अगर उन्हें मौका मिला तो वो उसे अपने हक में तब्दील करने में कसर नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलता.
गंभीर की एक बड़ी पारी उनके लिए टेस्ट टीम का दरवाज़ा खोल सकती है, ऐसे में शिखर धवन पर अच्छा खासा दबाव होगा और मुरली तथा राहुल भी कौतुहल भरी निगाहों से उन्हें देख रहे होंगे. कोहली के साथ अब गंभीर की पहले जैसी बात नहीं रही, ऐसे में मौका मिला तो उन्हें कुछ हैरतंगेज़ ही कर गुजरना होगा.
अगले 6 महीनों में भारत को 12 टेस्ट मैच और खेलने हैं, और रोहित शर्मा के पास टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की करने का मौका इससे अच्छा दूसरा नहीं हो सकता. भारतीय विकेट उन्हें रास आते हैं और उनके पास बार-बार मिल रहे मौकों को जस्टिफाई करने का यह अच्छा अवसर है. कुल मिलाकर आने वाले टेस्ट मैच, इंडियन टीम में बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों के उपलब्ध विकल्पों की परीक्षा का वक़्त होगा, जो पास सो पास नहीं तो फिर कब मौका मिलेगा, मिलेगा भी या नहीं, किसी को पता नहीं......
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