क्रिकेट की तरह सड़क सरक्षा में पार्टनरशिप जरूरी : सचिन
भारत रत्न से सम्मानित और देश के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने रविवार को कहा कि जिस तरह क्रिकेट के मैदान में जीतने के लिये पार्टनरशिप जरूरी होती है ठीक उसी तरह सड़क सुरक्षा में गाड़ियों और पैदल यात्रियों के बीच पार्टनरशिप जरूरी होती है.
क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटो) |
सचिन ने दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में ‘एस्टर सेफ रोड्स सीएसआर अभियान’ को लांच करते हुये कहा,‘‘ देश में इतनी दुर्घटनाएं होती हैं जिसमें अनेक लोगों की जानें जाती हैं जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इन दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सड़क पर अनुशासन बहुत जरूरी है.’’ इस अवसर पर सचिन के साथ देश में प्रमुख स्वास्थ सेवा प्रदाता एस्टर डीएम हेल्थ केयर के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डा. आजाद मूपेन मौजूद थे.
क्रिकेट के मैदान में अपने अनुशासन के लिये दुनिया भर में प्रसिद्ध सचिन ने कहा,‘‘ क्रिकेट के मैदान में दोनों बल्लेबाजों के बीच पार्टनरशिप बहुत जरूरी होती है और मेरा मानना है कि सड़क पर गाड़यिों और पैदल याियों के बीच भी पार्टनरशिप की जरूरत होती है. इससे दोनों की ही सुरक्षा होगी. ’’
उन्होंने कहा,‘‘ गाड़ियां चलाते समय सीट बेल्ट पहनना और बाइक चलाते समय हेलमेट पहनना आवश्यक है. हम भी मैदान में हेलमेट पहनकर खेलते थे लेकिन मैंने कभी अपना हेलमेट उतारकर अंपायर को नहीं दिया जबकि आजकल देखने में आता है कि बाइकर अपना हेलमेट उतारकर हैंडल के पास शीशे पर टांग देते हैं जो बहुत खतरनाक है और इससे दुर्घटना हो सकती है.’’
सचिन ने देश में सड़कों के किनारे फुटपाथों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि फुटपाथ साफ नहीं होते हैं जिससे लोगों को सड़क पर चलने के लिये मजबूर होना पड़ता है और वे दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.
मास्टर ब्लास्टर ने खासतौर पर बच्चों के लिये सड़क सुरक्षा के अपने संदेश में कहा कि बड़े लोगों को ही अपने घर से शुरुआत करनी होगी कि वे बच्चों को बतायें कि सड़क पर जेब्रा क्रासिंग , फुटपाथ, रेड लाइट और अन्य नियमों का पालन करना कितना जरूरी है.
एस्टर डीएम हेल्थ केयर के संस्थापक अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डा. आजाद मूपेन ने भी सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता का आवान करते हुये कहा,‘‘हर वर्ष पांच लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं जिसमें डेढ़ लाख की मौत हो जाती है और साढ़े तीन लाख लोग गंभीर चोटों के शिकार होते हैं. हमें बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में बताना बहुत जरूरी है क्योंकि वे देश का भविष्य हैं.’’
डा. मूपेन ने कहा,‘‘ मैं मानता हूं कि जब सचिन जैसे लीजेंड खिलाड़ी सड़क सुरक्षा को लेकर अपना संदेश बच्चों को देंगे तो इसका गहरा प्रभाव होगा. सड़क सुरक्षा की जागरूकता से हम लाखों जानें बचा सकते हैं. एक स्वास्थ्य सेवा के प्रदाता के रूप में हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम लोगों को बतायें कि अनुशासन का पालन कर दुर्घटनाओं से किस प्रकार बचा जा सकता है.’’
सचिन ने इस अवसर पर पांच हजार स्कूली बच्चों को सड़क सुरक्षा के प्रति आगाह करते हुये शपथ दिलायी कि वे अनुशासन का पालन करेंगे और नियमों के अनुसार चलेंगे. अपने आदर्श सचिन को अपनी आंखों के सामने देख बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं था और उन्होंने बकायदा सड़क सुरक्षा की शपथ ली.
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