पिचों में कोई खराबी नहीं, शिकायतें करना बंद करो : शास्त्री

Last Updated 30 Nov 2015 11:06:42 AM IST

भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने कहा है कि तीन दिन के भीतर टेस्ट मैच खत्म होने में कोई बुराई नहीं है और आलोचकों को शिकायतें करना बंद करना चाहिये.


फाइल फोटो

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मौजूदा टेस्ट श्रृंखला में पिचों को लेकर हो रही आलोचना से खफा भारतीय टीम के निदेशक रवि शास्त्री ने कहा है कि तीन दिन के भीतर टेस्ट मैच खत्म होने में कोई बुराई नहीं है और आलोचकों को शिकायतें करना बंद करना चाहिये.
 
    
शास्त्री ने ईएसपीएन क्रि कइन्फो से कहा, ‘पिचों में कोई खराब नहीं है. मैं उम्मीद करता हूं कि दिल्ली में भी ऐसी ही पिच मिलेगी. मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है.’
   
भारत चार मैचों की श्रृंखला में 2.0 से आगे है. दूसरा मैच बारिश में धुल गया था. तीसरा मैच तीन दिसंबर से दिल्ली में खेला जायेगा.
    
पूरी श्रृंखला स्पिनरों की मददगार पिचों को लेकर विवादों के घेरे में रही । दक्षिण अफ्रीका ने हालांकि इसकी शिकायत नहीं की.
   
शास्त्री ने कहा कि टेस्ट मैच तीन दिन के भीतर खत्म होने में कोई बुराई नहीं है. उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई बुराई नहीं है. नागपुर में टेस्ट मैच में मुकाबला बराबरी का था. इस मैच की पर्थ टेस्ट से तुलना करें तो मैं इस मैच को देखना चाहूंगा.’
    
उन्होंने कहा कि पिचों की आलोचना करने वालों को समझना चाहिये कि बल्लेबाज पिचों की वजह से नहीं बल्कि अपनी तकनीक की खामी के चलते आउट हुए हैं.
    
उन्होंने कहा, ‘इससे दिखता है कि क्रीज पर लंबे समय तक खड़े रहने की कला खत्म हो रही है. वनडे क्रिकेट ज्यादा खेलने से ऐसा हुआ है. इस तरह की पिचों पर खेलने से ही पता चलेगा कि क्रीज पर समय बिताना जरूरी है.’

शास्त्री ने कहा, ‘जब आप हाशिम अमला और फाफ डु प्लेसिस को कल बल्लेबाजी करते देख रहे थे तो लगा होगा कि पिच में कोई खराबी नहीं है. इसी तरह की पिचों पर पहले बल्लेबाज शतक बनाते आये हैं क्योंकि वे इसके लिये तैयार रहते थे.’

भारत के पूर्व कप्तान ने कहा कि संयम के साथ खेलने वाले बल्लेबाज इन पिचों पर अभी भी शतक बना सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सब्र से खेलने पर 80-90 रन, यहां तक कि शतक बनाया जा सकता था. मुरली विजय जिस तरह से खेल रहा था, वह शतक बना सकता था.’
    
उन्होंने कहा, ‘पिच में कोई दिक्कत नहीं है. दोनों टीमों के लिये पिच समान है. इस पिच पर 275 या 250 का स्कोर काफी था. इसकी शिकायत बंद करके अपने काम पर ध्यान देना चाहिये.’
   
शास्त्री ने कहा, ‘मिसाल के तौर पर बेंगलूर की पिच शानदार थी. मुझे दुख है कि हम 3.0 से बढत नहीं बना सके. अच्छी पिच पर दक्षिण अफ्रीका को आउट करके हमने बिना किसी नुकसान के 80 रन बना लिये थे और अगले चार दिन दबाव बनाकर रख सकते थे. लोग उसके बारे में बात नहीं करेंगे.’
    
उन्होंने इस आलोचना को भी खारिज किया कि नागपुर में पिच में असमान उछाल था. उन्होंने कहा, ‘कहां असमान उछाल था. ठीक ही था.दूसरे या तीसरे दिन के बाद गेंद धीमी आने लगी. आप मुझे बताई कि कौन सा बल्लेबाज नीचे की ओर जाती गेंद पर आउट हुआ, सिर्फ दूसरी पारी में मिश्रा या फाफ डु प्लेसिस को छोड़कर.’



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