विराट सेना ने 22 साल बाद रचा इतिहास, चेतेश्वर पुजारा बने मैन आफ द मैच

Last Updated 01 Sep 2015 03:56:44 PM IST

भारत ने तीसरे और निर्णायक टेस्ट में पांचवें और आखिरी दिन श्रीलंका को 117 रन के बड़े अंतर से हराकर टेस्ट सीरीज जीतने का इतिहास रच दिया.


विराट सेना ने 22 साल बाद रचा इतिहास

रविचंद्रन अश्विन (69 रन पर चार विकेट) और इशांत शर्मा (19 रन पर तीन विकेट) की बदौलत भारत ने नाटकीय उतार चढ़ाव से गुजरते हुये तीसरे और निर्णायक टेस्ट में पांचवें और आखिरी दिन मंगलवार को श्रीलंका को 117 रन के बड़े अंतर से हराकर 22 साल के लंबे अंतराल बाद श्रीलंकाई जमीन पर टेस्ट सीरीज जीतने का इतिहास रच दिया.
      
श्रीलंका को जीत के लिये 386 रन का लक्ष्य मिला था और मेजबान टीम कप्तान एंजेलो मैथ्यूज(110) की कप्तानी पारी के बावजूद 85 ओवर में 268 रन पर सिमट गई.

श्रीलंकाई टीम चायकाल तक छह विकेट पर 249 रन के स्कोर पर थी और तब लग रहा था कि मैच भारत की पकड़ से फिसलता जा रहा है लेकिन चायकाल के बाद श्रीलंका ने मा 19 रन जोड़कर अपने शेष चार विकेट गंवा दिये.
 
तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के बाद आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कमाल की गेंदबाजी से आखिरी समय में अहम विकेट निकालकर मेजबान टीम को 85 ओवरों में 268 रन पर ढेर कर दिया.

भारत ने इस तरह तीन टेस्टों की सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली जो उसकी श्रीलंकाई जमीन पर 22 साल बाद पहली टेस्ट सीरीज जीत है.
        
भारत ने श्रीलंका में आखिरी बार मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी में वर्ष 1993 में 1-0 की जीत दर्ज की थी. भारत ने श्रीलंका में इसके बाद से चार टेस्ट सीरीज खेली हैं जिनमें वर्ष 2001 और 2008 में सीरीज हारी थी जबकि वर्ष 1997 और 2010 में सीरीज ड्रा रही थी.

 

श्रीलंका के कप्तान मैथ्यूज ने विषम परिस्थितियों में गजब की साहसिक पारी खेलते हुये 313 मिनट क्रीज पर रहकर 240 गेंदों का सामना किया और 110 रन में 13 चौके लगाये. मैथ्यूज का कीमती विकेट मैच के सफल गेंदबाज इशांत ने उन्हें पगबाधा कर दिया. इशांत ने इसके साथ ही टेस्ट क्रिकेट में अपने 200 विकेट पूरे करने की उपलब्धि हासिल कर ली.
          
इशांत पूर्व कप्तान कपिल देव (434) ,जवागल श्रीनाथ(236) और जहीर खान(311) के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले चौथे भारतीय तेज गेंदबाज बन गये. मैथ्यूज का विकेट 249 के स्कोर पर गिरा. मैथ्यूज चायकाल के अपने स्कोर में कोई इजाफा नहीं कर सके. मैथ्यूज का विकेट गिरते ही भारतीय टीम श्रीलंका पर हावी हो गई। श्रीलंकाई टीम का संघर्ष दम तोड़ने लगा.
         
अश्विन ने रंगना हेरात (11) को जैसे ही पगबाधा किया भारतीय टीम को जीत सामने दिखाई देने लगी. हेरात का विकेट 257 के स्कोर पर गिरा. अश्विन ने फिर धमिका प्रसाद (06) को स्टुअर्ट बिन्नी के हाथों कैच करा दिया. श्रीलंका का नौंवा विकेट 263 के स्कोर पर गिरा। उस समय तमाम भारतीय खिलाड़ी ऐतिहासिक जीत के मूड में आ चुके थे. बस उन्हें आखिरी विकेट की दरकार थी.
           
लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने नुवान प्रदीप(शून्य) को जैसे ही पगबाधा किया पूरा भारतीय खेमा खुशी से उछल पड़ा. श्रीलंका की टीम 268 रन पर सिमट गई. इस सीरीज जीत के लिये भारत को 22 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा और आखिर विराट सेना ने लंका फतह कर यह कारनाम कर दिखाया.
 
इशांत ने 19 ओवर में 32 रन देकर तीन विकेट हासिल किये और उन्होंने मैच में कुल 86 रन देकर आठ विकेट अपने नाम  किये. इसके साथ ही उन्होंने 200 विकेट पूरी करने की उपलब्धि हासिल की. सीरीज के सबसे सफल भारतीय गेंदबाज अिन के नाम 20 ओवर में 69 रन पर चार विकेट रहे. उन्होंने इस सीरीज में कुल 21 विकेट हासिल किये.
         
तेज गेंदबाज उमेश यादव ने 15 ओवर में 65 रन देकर दो विकेट लिये जबकि मिश्रा ने 18 ओवर में 47 रन देकर श्रीलंका का आखिरी विकेट चटकाया. मिश्रा ने मैच में कुल तीन विकेट हासिल किये. भारत की पहली पारी में नाबाद 145 रन की बेहतरीन पारी खेलने वाले चेतेर पुजारा को मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला.
       
श्रीलंका ने सुबह तीन विकेट पर 67 रन से आगे खेलना शुरू किया था. कौशल सिल्वा 24 और मैथ्यूज 22 रन पर नाबाद थे. दोनों टीम के स्कोर को 74 रन तक ले गये कि यादव ने सिल्वा को पुजारा के हाथों कैच करा दिया. सिल्वा ने 50 गेंदों में 27 रन बनाये. लाहिरू तिरिमाने भी ज्यादा देर क्रीज पर नहीं टिक सके और 47 गेंदों में 12 रन बनाने के बाद अिन की गेंद पर लोकेश राहुल को कैच दे बैठे.
         
श्रीलंका ने अपना पांचवां विकेट 107 के स्कोर पर गंवाया. इस समय ऐसा लग रहा था कि भारत को जीत हासिल करने में ज्यादा देर नहीं लगेगी लेकिन कप्तान मैथ्यूज ने पहला टेस्ट खेल रहे कुशल परेरा (70) के साथ छठे विकेट के लिये 135 रन की साझेदारी कर भारत का इंतजार बढ़ा दिया.

भारत को आखिर चायकाल से कुछ पहले महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी जब अश्विन की गेंद पर रिवर्स स्वीप करने की कोशिश में परेरा ने रोहित शर्मा को कैच थमा दिया। परेरा ने 106 गेंदों पर 70 रन की पारी में 11 चौके लगाये. परेरा का विकेट 242 के स्कोर पर गिरा और 249 के स्कोर पर चायकाल हो गया.
       
परेरा अपना विकेट गंवाने से बेहद निराश नजर आये और फिर उनकी भारतीय खिलाड़यिों से कहासुनी हुई. अश्विन ने परेरा को समझाते हुये पवेलियन की ओर लौटने का इशारा किया. परेरा थके मन से पवेलियन की ओर चल दिये। चायकाल के समय श्रीलंका को सिर्फ यही उम्मीद थी कि कप्तान मैथ्यूज क्रीज पर रहे और वह भारत के इंतजार को कितना बढ़ा सकते हैं.
         
मैथ्यूज सातवां शतक पूरा कर चुके थे और शतक पूरा करने के बाद उन्होंने अपना सीना ठोकते हुये पवेलियन की ओर इशारा किया कि वह अपनी टीम को बचाने के लिये क्रीज पर डटे हुये हैं. लेकिन चायकाल के तुरंत बाद इशांत ने मैथ्यूज के संघर्ष का जैसे ही अंत किया श्रीलंकाई पारी को सिमटने में ज्यादा समय नहीं लगा और भारत ने ऐतिहासिक सीरीज जीत दर्ज कर ली.
        
सीरीज जीत के साथ साथ पुजारा को मैन आफ द मैच का पुरस्कार और अश्विन को मैन आफ द सीरीज का पुरस्कार मिला. भारत ने पहला टेस्ट हारने के बाद गजब की वापसी करते हुये दोनों टेस्ट जीतते हुये विदेशी जमीन पर सीरीज न जीत पाने का गतिरोध भी तोड़ दिया.

 



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