सुनील नारायण फिर संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के घेरे में, अंपायरों ने की शिकायत
गत चैंपियन कोलकाता नाइटराइडर्स के अबूझ स्पिनर वेस्टइंडीज के सुनील नारायण एक बार फिर संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के घेरे में आ गये हैं.
सुनील नारायण फिर संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के घेरे में (फाइल फोटो) |
नारायण की कोलकाता नाइटराइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच 22 अप्रैल को खेले गये आईपीएल मैच के दौरान मैदानी अंपायरों ने संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन की शिकायत की है. जिन दो मैदानी अंपायरों ने नारायण के \'संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन\' की रिपोर्ट की है, वे रिचर्ड इलिंगवर्थ और विनीत कुलकर्णी हैं.
बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति में कहा, \'\'कोलकाता नाइटराइडर्स और सनराइजर्स हैदराबाद के बीच 22 अप्रैल को विशाखापट्टनम में खेले गये मैच के दौरान कोलकाता नाइटराइडर्स के सुनील नारायण की कुछ गेंदों की मैच अधिकारियों ने संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के तौर पर रिपोर्ट की है.\'\'
ठाकुर ने कहा, \'\'आईपीएल संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन नीति के प्रावधानों के तहत नारायण अब भी आईपीएल के आगामी मैचों में गेंदबाजी कर सकते हैं तथा वह आईसीसी और बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त परीक्षण केंद्र श्री रामचंद्र आथरेस्कोपी एंड स्पोर्ट्स साइंस सेंटर, चेन्नई में उन गेंदों के बायोमैकेनिकल परीक्षण का आग्रह कर सकते हैं जिन पर सवाल उठाया गया है.\'\'
चेन्नई के बायोमैकेनिकल परीक्षण केंद्र से संदिग्ध एक्शन के लिये हरी झंडी मिलने के बाद नारायण को आईपीएल में खेलने की अनुमति मिली थी. उन्हें फिर से परीक्षण से गुजरना होगा हालांकि वह आईपीएल में गेंदबाजी कर सकते हैं.
आईसीसी के नियमों के अनुसार हालांकि यदि उनके गेंदबाजी एक्शन की फिर से रिपोर्ट की गयी तो वेस्टइंडीज के इस स्पिनर पर सीधे एक साल का प्रतिबंध लग सकता है. नारायण का \'दूसरा\' और \'कैरम बॉल\' दोनों पर ही निगाह रखी जा रही है.
अपने एक्शन में सुधार करने के बाद नारायण पहले की तरह बहुत अधिक प्रभावी नहीं रहे. उन्होंने अब तक छह मैचों में केवल दो विकेट लिये हैं.
यहां तक कि सनराइजर्स के खिलाफ डेविड वार्नर और शिखर धवन ने उनके चार ओवरों में 38 रन बटोरे थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था.
नारायण की सबसे पहले पिछले साल चैंपियन्स लीग टी20 के दौरान चकिंग के लिये रिपोर्ट की गयी थी. इसके बाद वह बीच में ही वेस्टइंडीज चले गये थे. वह भारत के खिलाफ वनडे श्रृंखला और फिर विश्व कप में भी नहीं खेल पाये थे.
आईपीएल में उनकी भागीदारी को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई थी. उन्हें टूर्नामेंट शुरू होने से कुछ दिन पहले मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला से मंजूरी मिली थी.
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