वर्ल्डकप के लिए कैसी होगी टीम इंडिया, 15 खिलाड़ियों पर टिकी निगाहें
भारत ने 28 साल बाद वर्ष 2011 में वनडे विश्वकप जीता था और अब उस खिताब को बचाने के लिये टीम इंडिया के 15 योद्धाओं का चयन होना है.
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी |
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अपने विश्व खिताब को बचाने के लिये एक बार फिर टीम की बागडोर संभालेंगे. धोनी ने हाल ही में मेलबोर्न टेस्ट के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था ताकि वे छोटे फार्मेट खासतौर पर आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में फरवरी मार्च में होने वाले एकदिवसीय विकप पर अपना ध्यान केंद्रित कर सकें.
राष्ट्रीय चयनकर्ता प्रमुख संदीप पाटिल की अगुवाई में चयन समिति विश्वकप के लिये 30 संभावितों का चयन पहले ही कर चुकी थी और अब इन 30 संभावितों में से 15 योद्धाओं को चुना जाना है.
चयनकर्ता आस्ट्रेलिया में मेजबान और इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली त्रिकोणीय सीरीज के लिये भी टीम का चयन करेंगे और विश्वकप के लिये भी यही टीम मैदान पर उतरेगी.
विश्वकप 14 फरवरी से शुरू होकर 29 मार्च तक चलना है और गत चैंपियन भारत अपने अभियान की शुरूआत 15 फरवरी को एडिलेड में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ मैच से करेगा.
भारत की 15 सदस्यीय टीम चयनकर्ताओं के दिमाग में पहले ही फिट हो चुकी होगी और यदि कोई एकाध नया परिवर्तन देखने को मिल जाए तो कोई हैरानी नहीं होगी. फिलहाल सभी निगाहें आलराउंडर रवींद्र जडेजा पर लगी हुई है जो अपनी फिटनेस से जूझ रहे हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि जडेजा विश्वकप टीम में जगह बना पाते हैं या नहीं.
ओपनिंग के लिये देखा जाए तो शिखर धवन और रोहित शर्मा की जगह पक्की है. आस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे ओपनर मुरली विजय ओपनिंग के लिये तीसरे दावेदार रह सकते हैं.
मध्यक्रम में जोरदार फार्म में चल रहे और टीम के उपकप्तान विराट कोहली टेस्ट सीरीज में प्रभावित करने वाले अजिंक्या रहाणे, छोटे फार्मेट के बादशाह सुरेश रैना और अंबाती रायुडू के साथ कप्तान धोनी टीम इंडिया के सशक्त मध्यक्रम में रन बनाने की जिम्मेदारी संभालेंगे.
आलराउंडर की पोजिशन के लिये जडेजा को चुना जा सकता है.
वह संभवत त्रिकोणीय सीरीज में न खेल पाये लेकिन विश्वकप तक फिट हो जाए. एक अन्य युवा आलराउंडर अक्षर पटेल को भी इस पोजिशन के
लिये तगड़ा दावेदार माना जा रहा है. यदि चयनकर्ता घरेलू फार्म पर यकीन रखते हैं तो पिछले विकप के मैन आफ द टूर्नामेंट युवराज सिंह
के भाग्य का छींका फूट सकता है.
एकमात्र विशेषज्ञ स्पिनर के रूप में रविचंद्रन अिन सबसे प्रबल दावेदार है. तेज गेंदबाजी का दारोमदार भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, इशांत शर्मा और उमेश यादव पर रहेगा. भुवनेश्वर चोट के कारण टेस्ट सीरीज से बाहर रहे थे लेकिन त्रिकोणीय सीरीज और उसके बाद विश्वकप में वह भारतीय आक्रमण का अहम हिस्सा होंगे.
यह देखना भी दिलचस्प होगा कि क्या चयनकर्ता टीम में धोनी के रूप में एक ही विकेटकीपर बल्लेबाज रखेंगे या फिर रिद्धिमान साहा को दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अंतिम 15 में जगह देंगे.
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