ऑस्ट्रेलिया में अंपायरों के गलत फैसले, वेंगसरकर ने की डीआरएस की वकालत
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वर्तमान टेस्ट सीरीज में अंपायरों की लगातार गलतियों को देखते हुए पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का समर्थन किया.
दिलीप वेंगसरकर मकरंद वेंगाकर की पुस्तक 'गट्स एंड ग्लोरी' का विमोचन करते हुए. |
गौरतलब है कि बीसीसीआई शुरू से इस तकनीक का विरोध करता रहा है.
वेंगसरकर ने शुक्रवार को मुंबई में मकरंद वेंगाकर की पुस्तक 'गट्स एंड ग्लोरी' के विमोचन के अवसर पर कहा, ''मेरा भी मानना है कि डीआरएस शत प्रतिशत सही नही है लेकिन सीरीज में अंपायरों के गलत फैसलों के बाद मुझे लगा कि हमें डीआरएस को स्वीकार कर लेना चाहिए.''
वह भारतीय बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के खिलाफ पहले दो टेस्ट मैचों में दिये गये गलत फैसलों के संदर्भ में बोल रहे थे.
वेंगसरकर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान इयान चैपल की इस बात से सहमत नहीं दिखे कि महेंद्र सिंह धोनी की जगह विराट कोहली को भारतीय टीम का कप्तान बना देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ''वह (कोहली) भविष्य का कप्तान है लेकिन धोनी को कप्तान के रूप में चुना गया है और वह अच्छी भूमिका निभा रहा है.''
यह किताब भारत के 26 पूर्व और वर्तमान क्रिकेटरों के बारे में है जिसमें पूर्व कप्तान मंसूर अली खां पटौदी, अजित वाडेकर, सुनील गावस्कर, कपिल देव, वेंगसरकर, सचिन तेंदुलकर और वर्तमान कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी शामिल हैं.
वेंगसरकर ने कहा, ''मैंने किताब के कुछ अध्याय पढ़े हैं जिसमें खिलाड़ियों से जुड़े किस्से भी हैं. इनमें यह भी है कि दिलीप सरदेसाई ने 1971 के दौरे में अपनी पत्नी नंदिनी को 90 पत्र लिखे थे. मुझे आश्चर्य है कि जब वह इतने अधिक पत्र लिखने में व्यस्त थे तो उन्हें क्रिकेट खेलने का समय कब मिलता था.''
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